अडूसा को मुख्य घटक द्रव्य के रूप में उपयोग कर बनाया जाने वाला वासकासव योग कफ तथा विभिन्न प्रकार के शोथों में लाभकारी होने के साथ साथ अन्य कई बिमारियों में भी बहुत उपयोगी सिद्ध होता है. वासकसाव का सम्पूर्ण विवरण इस आर्टिकल में बताया गया है.
वासा पंचांग एक किलो, गुड़ 450 ग्राम, धाय के फूल 40 ग्राम तथा दालचीनी, तेजपात, छोटी इलायची के दाने, नागकेशर, शीतल मिर्च, सौंठ, काली मिर्च, पीपल और नेत्र बाला - 5-5 ग्राम. पानी २ लीटर 300 ml .
सबसे पहले वासा के पंचांग को पानी में उबालें. जब यह उबाल कर एक तिहाई रह जाए तब उतार कर मसलकर छान लें. अब इसमें गुड़, धाय के फूल और बाकी नौ औषधियों का जौकुट किया हुआ चूर्ण मिलाकर अमृतबान में भर कर मुखमुद्रा कर 15 दिन रखे रहने दें. आसव परिपक्व होने पर छान कर बोतलों में भर लें. यह वासकासव तैयार हो गया.
वासकासव की तीन तीन छोटी चम्मच भर कर एक कप पानी के साथ दिन में दो बार लिया जाता है.