यौन समस्याओं से ग्रस्त होने और उचित चिकित्सा बताने के अनुरोध वाले इमेल्स Biovatica .Com को हमेशा मिलते ही रहते हैं . हम भी बढ़ती हुई यौन समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में युवा जगत को भरपूर सहयोग देते आ रहे हैं. अच्छे से अच्छे स्वास्थ्य रक्षक विवरण की तलाश हम करते ही रहते हैं . ऐसा ही एक श्रेष्ठ विवरण , आयुर्वेदिक योग शक्रवल्लभ रस के बारे में मिला, जो इस आर्टिकल में प्रस्तुत कर रहे हैं.
शक्रवल्लभ रस के घटक द्रव्य (ingredients of shakra vallabh ras ) - कज्जली, लौह भस्म, अभ्रक भस्म, चांदी भस्म, स्वर्ण भस्म, और स्वर्ण माक्षिक भस्म - सब ३-३ ग्राम, वंश लोचन १० ग्राम, भांग के बीज ४० ग्राम.
शक्रवल्लभ रस निर्माण विधि (preparation method of shakravallabh ras ) - सबको कूट पीस कर खूब महीन चूर्ण करके , शतावरी रस की भावना देकर, २-२ रत्ती की गोलियां बना कर सुखा लें और बोतल में भर कर रख लें.
शक्र वल्लभ रस मात्रा और सेवन विधि (shakra vallabh ras quantity and dosage ) - १ से २ गोली , सुबह शाम मिश्री मिले कुनकुने गर्म दूध के साथ लें.
शक्र वल्लभ रस के लाभ (Advantages and health benefits of shakravallabh ras ) - शक्रवल्लभ रस समस्त यौन-विकारों को नष्ट करने के लिए अमृत समान योग है. हस्तमैथुन या अन्य ढंग से लम्बे समय तक वीर्यनाश करने से हुई नपुंसकता, जननेन्द्रिय की शिथिलता और शारीरिक क्षीणता व् दुर्बलता आदि के लिए यह परम उपयोगी योग है. शीघ्रपतन, ध्वजभंग और धातु क्षीणता आदि दोष दूर करके यह योग शरीर में नयी जान फूंक देता है और शरीर में पुनः यौन शक्ति पैदा कर नया जोश भर देता है. शक्रवल्लभ रस अत्यंत वाजीकारक, स्तम्भक और शक्तिवर्धक योग है. यह इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है. शक्रवल्लभ रस का सेवन निरंतर दो महीने तक करें और इसकी गुणवत्ता स्वयं जान लें.