गुलाब के फूल की पंखुड़ियों से बना गुलकंद बहुत ही गुणकारी योग है जिसका सेवन कई प्रकार के लाभ करता है. यूँ तो गुलकंद सभी ऋतुओं में यानी पूरे वर्ष भर तक सेवन किया जा सकता है फिर भी ग्रीष्म ऋतू में यह विशेष लाभ करने वाला सिद्ध होता है. इसमें प्रवाल मिला देने से इसकी गुणवत्ता और बढ़ जाती है.
गुलकंद के घटक द्रव्य (ingredients of gulkand ) - गुलाब के फूल की पंखुड़ियां, इनसे दुगुने वज़न में शक्कर.
गुलकंद निर्माण विधि (preparation method of gulkand ) - फूल की एक एक पंखुड़ी अलग करके , सब पंखुड़ियां, शक्कर मिलकर मसलते हुए, एक कलईदार बर्तन में डालते रहें. इस तरह सब पंखुड़ियां व् शक्कर मिलाकर अच्छी तरह मसल कर कांच के जार में रख दें और एक महीने तक ढक कर रखें.
गुलकंद मात्रा और सेवन विधि (gulkand quantity and dosage ) - एक दो चम्मच सुबह शाम चबा कर खाएं. चाहें तो साथ में दूध ले सकते हैं.
गुलकंद के लाभ व् फायदे (Advantages and health benefits of gulkand in hindi ) - गुलकंद का सेवन करने से जलन, पित्त प्रकोप, अम्लपित्त, आतंरिक बढ़ी हुई गर्मी व् कब्ज़ का नाश होता है. मस्तिष्क को शान्ति और तरावट प्राप्त होती है. हाथ पैरों की जलन, आँखों की जलन, महिलाओं का रक्त प्रदर, आँखों से गरम पानी निकलना, गर्मी के कारण त्वचा पर घमोरियां आदि व्याधियां दूर होती हैं. एक किलो गुलकंद में १० ग्राम प्रवालपिष्टि मिलाने से गुलकंद प्रवालयुक्त हो जाता है और सादे गुलकंद से ज्यादा गुणकारी और विशेष प्रभाव करने वाला हो जाता है. गुलकंद बना बनाया बाज़ार में मिलता ह