गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna )

गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna ) uses in hindi, गोक्षुरादि चूर्ण के फायदे, बनाने की विधि

गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna )

गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna ) uses in hindi, गोक्षुरादि चूर्ण के फायदे, बनाने की विधि

img

गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna )

गोक्षुरादि चूर्ण (Gokshuradi Churna )
gokshuradi churna

आजकल जीवन इतना व्यस्त , दौड़ धूप वाला और मानसिक तनाव से ग्रस्त रहने वाला हो गया है की व्यक्ति को अपने काम धंधे से ही फुर्सत नहीं मिलती. दिन भर की व्यस्तता से वह तन से थका हुआ और मन से बुझा हुआ सा हो जाता है जिसका परिणाम कभी कभी यह भी होता है की वह अपने आप में निर्बलता का अनुभव करने लगे. ऐसे पुरुषों के लिए एक बहुत सरलता से तैयार किया जा सकने वाला उत्तम गुणकारी योग प्रस्तुत किया जा रहा है जिसका नाम है गोक्षुरादि चूर्ण :-

गोक्षुरादि चूर्ण के घटक द्रव्य ( ingredients of gokshuradi churna ) - गोखरू, तालमखाना, शतावर , कौंच के बीज, नागबला और अतिबला - सभी छह द्रव्यों का कुटा-पिसा चूर्ण ५०-५० ग्राम. कुल मिलाकर ३०० ग्राम.

गोक्षुरादि चूर्ण निर्माण विधि ( preparation method of gokshuradi churna ) - बहुत ही सरल विधि है. सभी छह द्रव्यों को बाज़ार से लाकर अलग अलग कूट पीस कर बारीक चूर्ण कर लें. प्रत्येक ५० ग्राम वज़न में लेकर मिला लें और चलनी से इस मिश्रण को तीन बार छान लें ताकि सभी द्रव्य भली-भाँती मिलकर एक जान हो जाएँ.

गोक्षुरादि चूर्ण मात्रा और सेवन विधि ( gokshuradi churna quantity and dosage ) - इस चूर्ण को सुबह खाली पेट और शाम को भोजन के २ घंटे बाद मिश्री मिले हुए कुनकुने गर्म दूध के साथ आधा चम्मच (लगभग २-३ ग्राम ) मात्रा में लगातार दो महीने तक सेवन करें.

गोक्षुरादि चूर्ण के लाभ व् फायदे ( Advantages and health benefits of gokshuradi churna ) - गोक्षुरादि चूर्ण की विशेषता ये है की इसमें कोई भी मादक द्रव्य, पारा या भस्म आदि द्रव्य नहीं हैं फिर भी ये स्तम्भन शक्ति बढ़ाने वाला और शीघ्रपतन रोग नष्ट करने वाला अद्भुत योग है. गोक्षुरादि चूर्ण बहुत पुष्टिकारक, बलवीर्यवर्द्धक , कामोत्तेजक और भारी यौनशक्ति बढ़ाने वाला योग है. रात को सहवास से एक घंटा पूर्व इस चूर्ण को एक चम्मच मात्रा में मिश्री मिले कुनकुने गर्म दूध के साथ सेवन करने से वाजीकारक प्रभाव होता है. इसके सेवन से वीर्य का पतलापन दूर होकर गाढ़ापन आ जाता है. जो विवाहित पुरुष यौनशक्ति की कमी तथा शीघ्रपतन के कारण दुखी हों उन्हें गोक्षुरादि चूर्ण का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. गोक्षुरादि चूर्ण आयुर्वेद का एक परीक्षित योग है. यह बना बनाया इसी नाम से बाज़ार में मिलता है.