Mahasudarshan Churna, महासुदर्शन चूर्ण

Mahasudarshan Churna uses in hindi, महासुदर्शन चूर्ण के फायदे और बनाने की विधि

Mahasudarshan Churna, महासुदर्शन चूर्ण

Mahasudarshan Churna uses in hindi, महासुदर्शन चूर्ण के फायदे और बनाने की विधि

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महासुदर्शन चूर्ण (Mahasudarshan Churna )

ज्वरनाशक श्रेष्ठ गुणकारी योग - महासुदर्शन चूर्ण

महासुदर्शन चूर्ण के घटक द्रव्य (ingredients of mahasudarshan churna ) - हरड़, बहेड़ा, आंवला, हल्दी, दारुहल्दी , बड़ी कटेली , छोटी कटेली, कचूर , सौंठ, पीपल, काली मिर्च, पीपलामूल , मोरबेल , गिलोय, धमासा , कुटकी , पित्तपापड़ा, कूड़ा की छाल, मुलहठी, नागरमोथा, त्रायमाण, नेत्रवाला, पुष्करमूल, नीम की छाल , अजवाइन, इन्द्रजौ, भारंगी, सहजने के बीज, फिटकरी का फूला, बच, दालचीनी, पद्माख, सफ़ेद चन्दन, अतीस, खरैंटी, शालपर्णी, पृष्ठपर्णी, वायविडंग, तगर, चित्रकमूल, देवदारु, चव्य, पटल पत्र, श्वेत कमलपुष्प, काकोली, जीवक विदारीकंद, ऋषभक बंशलोचन, खस, लौंग, वंशलोचन, तेजपात, जावित्री, और तालीस पत्र, - ये सब ५३ द्रव्य सामान मात्रा में और इन सबकस जो वज़न हो उस वज़न की आधी मात्रा में चिरायता.

महासुदर्शन चूर्ण निर्माण विधि (mahasudarshan churna preparation method ) - सभी द्रव्यों को खूब अच्छी तरह कूट पीस कर छान कर महीन चूर्ण करके मिला लें और तार की छन्नी से तीन बार छान कर सब द्रव्यों को एक जान करके कांच की बरनी में भर लें. आपका महासुदर्शन चूर्ण तैयार है.

महासुदर्शन चूर्ण मात्रा और सेवन विधि (mahasudarshan churna quantity and dosage ) - सुबह, दोपहर व् शाम को आधा छोटा चम्मच चूर्ण पानी के साथ फांक कर सेवन करें.

महासुदर्शन चूर्ण के लाभ व् फायदे ( Advantages and health benefits of mahasudarshan churna ) - महासुदर्शन चूर्ण का उपयोग नए और पुराने , दोनों प्रकार के ज्वर, यानी बुखार में लाभप्रद रहता है. इसके अलावा एक दोषजन्य , दो और तीनो दोषजन्य , धातुगत ज्वर, शीतज्वर , विषम ज्वर, तथा ज्वर के साथ होने वाले श्वास, खांसी, पाण्डु , कामला तथा कमरदर्द आदि विकारों के लिए भी महासुदर्शन चूर्ण लाभकारी सिद्ध होता है. यह चढ़े हुए ज्वर को उतारने और ज्वर न हो तो इसे रोकने के लिए - दोनों स्थितियों में सेवन योग्य है. महासुदर्शन चूर्ण की एक विशेषता ये भी है की इसका सेवन बालक, युवा, वृद्ध , स्त्री, पुरुष, गर्भवती और प्रसूता स्त्री सभी निर्भयतापूर्वक सेवन कर सकते हैं. ज्वर का एक कारण आम प्रकोप होने के बाद , पसीने के माध्यम से , शरीर से निकलने वाला विष बाहर नहीं निकल पाता और ज्वर हो जाता है. इसे आम ज्वर कहते हैं. महासुंदरचन चूर्ण के सेवन से आम का पाचन हो जाता है और आम ज्वर दूर हो जाता है. इस तरह महासुदर्शन चूर्ण सब प्रकार के ज्वरों के लिए श्रेष्ठ सिद्ध होता है. महासुदर्शन चूर्ण इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है.