Ayurveda Recipes in hindi, आयुर्वेदिक व्यंजन विधियां हिंदी में

आयुर्वेदिक व्यंजन , आयुर्वेदिक व्यंजन विधियां, पौष्टिक आयुर्वेदिक रेसिपीस हिंदी में

Ayurveda Recipes in hindi, आयुर्वेदिक व्यंजन विधियां हिंदी में

आयुर्वेदिक व्यंजन , आयुर्वेदिक व्यंजन विधियां, पौष्टिक आयुर्वेदिक रेसिपीस हिंदी में

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Ayurveda Recipes

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1) Soyabean ki barfi (Hindi: सोयाबीन की बर्फी , English : soybean's Barfi )

निर्माण सामग्री/घटक द्रव्य - सोयाबीन की तैयार पीठी - २५० ग्राम, बेसन - २०० ग्राम, खोया - ३०० ग्राम, शक्कर - आधा किलो, काजू किशमिश, बादाम, पिश्ता, नारियल का ताज़ा बूरा , घी - सब अंदाज़ से, पांच छोटी इलायची और आधा चम्मच हल्दी |

निर्माण विधि - सोयाबीन की दाल पानी में गलाकर छिलकारहित करके, पीस कर पीठी तैयार करें और पीठी व् बेसन को अलग-अलग घी में भून लें | खोया गुलाबी होने तक भून लें | तीनों को मिलकर हल्दी ड़ालकर छर-पांच मिनट और भूनें फिर उतर लें | अब शक्कर की दो तार की चाशनी तैयार कर यह भूना हुआ मिश्रण इसमें दाल कर हिलाएँ चलाएं ताकि गांठें ना पड़ने पाये | जब जमने लायक हो तो मेवे बारीक़ क़तर कर मिला दें और एक थाली में घी का हाथ लगा कर इसे फैला कर जमा दें | ऊपर से नारियल बूरा और पीसी इलायची बुरक दें | जम जाए तब बर्फी काट लें | यह १५ दिन तक ख़राब नहीं होती | यह प्रोटीन और अन्य पौष्टिक तत्वों से भरपूर स्वादिष्ट व्यंजन है |

2) Sindhi Khurak (Hindi: सिंधी खुराक , English : Sindhi Diet )

निर्माण सामग्री/घटक द्रव्य - शुद्ध घी, गेहूं का आटा और शकर - आधा-आधा किलो | गोंद, बादाम की गिरी, पिश्ता, खसखस, किशमिश और काजू - सब १००-१०० ग्राम |धना, नारियल का ताज़ा बूरा और खरबूज के छिले हुए बीज (मगज) - ५०-५० ग्राम | स्वाद और इच्छानुसार छोटी इलायची |

निर्माण विधि - गोंद घी में तलकर कूट लें फिर आटा और पीसी इलायची कढ़ाई में ड़ालकर भून लें | धीमी आंच में भून कर गुलाबी होने पर आधी मात्रा में बादाम, पिश्ते, काजू और खरबूज के बीज डाल दें और पूरी मात्रा में किशमिश, खसखस, नारियल बूरा और धनिए डाल दें | कुटा हुआ गोंद और शकर भी पूरी मात्रा में डाल दें और धीमी आंच पर भूनते रहें | शकर पूरी तरह गल जाए और बदामी रंगत आ जाए तब पानी का छींटा लगाएं | इससे सब घी जैसा चिकना हो जाएगा | इसे हिला चला कर पानी सुखा लें और फिर सब मिश्रण एक थाली में फैला कर समतल जमा दें | बाकी बचे पिस्ते, बादाम, काजू और खरबूज के बीज ऊपर से डाल दें | गरम रहे तभी बर्फी काट लें | ध्यान रहे, पानी का छींटा ज्यादा होने पर मिठाई नरम और कम होने पर सख्त हो जायेगी | यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक सिंधी व्यंजन है |

3) Geele Nariyal Ki Barfi (Hindi:गीले नारियल की बर्फी , English : Wet Coconut Barfi )

निर्माण सामग्री/घटक द्रव्य - ३ गीले नारियल, २ लीटर दूध, २५० ग्राम ताज़ा खोवा, २५० ग्राम शकर एवं बादाम, पिस्ता, केसर, इलायची आदि |

निर्माण विधि - नारियल के दो भाग करके, आधे-आधे भाग का खमणि से सिर्फ गूदा किस कर निकल लें, काला छिलका न आने दें | बादाम पिस्ता छिलका सहित बारीक क़तर लें या किस लें | केसर इलायची घोंट-पीस कर रख लें. बड़ी कढ़ाई में पूरा २ लीटर दूध डालकर नारियल का किस दाल दें और उबलने रख दें | जब दूध औंत कर ख़त्म हो जाए तब ताज़े खोवे को किसनी से किस कर इसमें मिला कर मंदी आंच पर सेंकें| जब भूरा होने लगे तब शकर दाल कर और सेकें ताकि शकर ठीक से मिल जाए | अच्छा सिक जाए तब बादाम पिस्ता केसर इलायची डालकर थाली में फैला दें और बर्फी जमने के लिए रख दें | बाद में बर्फी काट लें | इसे इतना सेकें की यह भूरा जरूर हो जाए | यह बहुत शक्तिवर्धक व्यंजन है |

4) Kharak-Khopra (Hindi:खारक-खोपरा , English : Dry dates-Coconut )

निर्माण सामग्री/घटक द्रव्य - आधा किलो खारक (छुहारा), आधा किलो नारियल का गोला (गट) , १०० ग्राम बादाम, १०० ग्राम पिस्ता, पौन किलो बूरा शकर , १०० ग्राम गोंद धावड़े का, केसर इलायची जायफल आदि आवशयकतनुसार तथा १०० ग्राम शुद्ध घी |

निर्माण विधि - खारक की गुठली हटाकर कूट लें | खोपरे का काला छिलका हटाकर किस लें | गोंद को थोड़ा बारीक कर लें | कढ़ाई में घी डालकर गोंद तलकर फूले बना लें | खोपरा, खारक आदि सब द्रव्यों को मिलाकर इमामदस्ते में दाल का हलके-हलके कूट लें | बस, व्यंजन तैयार है | इसे कटोरी में भर कर परोसें | प्रत्येक आयु के लिए सेवन योग्य है जो शरीर को पुष्ट और बलवान बनाता है |

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5) Pancharatna Laddu/Ladoo (पंचरत्न लड्डू )

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6) Manpasand Laddu/Ladoo (मनपसंद लड्डू )

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7) Ajwain Lajawab (Hindi:अजवाइन लाजवाब , English : delicious Carom Seeds )

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8) पनीर के गुलाब जामुन ( paneer gulab jamun )


सामग्री - ५० ग्राम पनीर, २०० ग्राम मावा (खोया), ४ कटोरी चीनी, ३-४ छोटी इलाइची का पावडर, ४ छोटे चम्मच मैदा, तलने के लिए घी, चाँदी के वर्क .

विधि - सबसे पहले मावा कास कर मसल लें और नरम कर लें. पनीर को कस कर मैदा के साथ मावे में डाल कर अच्छी तरह से मिला कर मिश्रण बना लें. चीनी की एक तार की चाशनी बना लें. मिश्रण की छोटी छोटी गोलियां बना लें. फिर कढ़ाई में घी गर्म कर इन गोलियों को, मंदी आंच पर धीरे से डाल कर अच्छी गुलाबी तल लें. गोलियों को सावधानी से हिलाएं चलाएं ताकि गुलाब जामुन टूट न जाएँ.अच्छी तरह गुलाबी सेक कर इन गोलियों को गर्म चाशनी में डालते जाएँ और ऊपर से इलायची पाउडर बुरक दें. जब गुलाब जामुन अच्छी तरह चाशनी सोख लें तब इन्हें निकल कर बड़े बर्तन में रख कर इन पर चाँदी के वर्क लगा दें और ऊपर से चाशनी डाल दें. बस, अत्यंत स्वादिष्ट व् पौष्टिक पनीर के गुलाब जामुन तैयार हैं.

9) शकरकंद की टिकिया या टिक्की (shakarkand की tikiya या tikki )

सामग्री - ४ मध्यम आकर के शकरकंद, १ प्याला मैदा, ४ चम्मच मक्खन, आधा छोटा चम्मच बेकिंग पाउडर, ३ कटोरी चीनी, चुटकी भर पिसा हुआ जायफल, चुटकी भर पिसी दालचीनी , मूंगफली के थोड़े से दाने, तलने के लिए तेल.
विधि - शकरकंद उबाल कर छील लें. मैदा और बेकिंग पाउडर मिला कर छान लें और इसमें शकरकंद मिला कर अच्छी तरह मसल लें ताकि मैदा थोड़ा दरदरा हो जाए की गूंथ कर छोटी छोटी लोइयां बना कर हलके से बेल कर टिकिया बना लें. कढ़ाई में तेल गरम करके मंदी आंच में सारी टिकिया अच्छी करारी तल लें. तपेली में दो कप पानी डाल कर चीनी की चाशनी बनायें. इसमें जायफल व् दालचीनी का पाउडर डाल दें और सारी टिकिया डाल कर १५-२० मिनट पड़े रहने दें. फिर निकाल कर, इस पर मूंगफली के दाने मोटे मोटे कूट कर बुरक दें और परोसें. शीतकाल में सेवन करने योग्य यह एक पौष्टिक व्यंजन है और स्वादिष्ट तो है ही.

10)स्वादिष्ट पोहे का नाश्ता

सामग्री - एक कटोरी पतला पोहा, आधी कटोरी कद्दूकस किया हुआ नारियल (गीला), आधा निम्बू, एक चम्मच नमक, आधा आधा चम्मच राइ व् जीरा, चुटकी भर हींग, आधी गड्डी हरा धनिया, दो हरी मिर्च, दो छोटे चम्मच मूंगफली तेल, मीठी नीम बारीक़ कटी हुई और आधा चम्मच सेंधा नमक.

विधि - पोहे को अच्छी तरह फटक कर साफ़ कर लें मगर धोना नहीं है. एक बर्तन में पोहे डाल कर, कद्दूकस किया हुआ गीला नारियल व् नमक डाल कर और निम्बू निचोड़ कर इसे अच्छी तरह हिला चला कर मिला लें और ढक कर आधा-पौन घंटे तक रखा रहने दें ताकि निम्बू, नमक व् नारियल का जो पानी छूटेगा वह सारे पोहे को मुलायम कर देगा. अब एक तपेली में तेल गरम करके उसमे हींग, राइ, जीरा , हल्दी व् लाल मिर्च और मीठी नीम का बघार तैयार करें और इस बघार को पोहे में डाल कर , हिलाते चलते हुए अच्छे से मिला लें. अब इस पर बारीक़ कटा हरा धनिया, हरी मिर्च और सेंधा नमक डाल कर मिला लें और तुरंत परोस दें ताकि गर्म गर्म खाया जा सके. यह नाश्ता स्वादिष्ट भी है और सुपाच्य भी. बच्चों की खास पसंद है.

11)स्वादिष्ट आयुर्वेदिक बर्फियां (tasty ayurvedic barfis )

शीतकाल में सेवन योग्य तीन प्रकार की बर्फी बनाने की विधि प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि biovatica .com के विश्वव्यापी परिवार के सदस्य इन स्वादिष्ट, पौष्टिक और अत्यंत गुणकारी व्यंजनों को , शीतकाल में सेवन कर, स्वास्थ्य लाभ ले सकें.

गाजर की बर्फी (gaajar की barfi , carrot 'स barfi ) - पीली गाजर को धोकर साफ़ कर लें और कद्दूकस से कस लें. इसका बीच का हिस्सा निकल कर फेंक दें. गाजर २५० ग्राम लें तो एल लीटर दूध में कसी हुई गाजर डाल कर पकाएं.जब दूध खोया जैसा गाढ़ा हो जाये तो उसमे २५० ग्राम घी डाल कर खूब भूनें. जब घी छोड़ने लगे तो ४०० ग्राम शक्कर डाल दें और हिलाते चलाते हुए थोड़ी देर तक पका कर उतार लें. फिर इसमें केसर घोट कर और इलायची के दाने पीस कर, मिला दें और थाली में घी का हाथ लगा कर बर्फी जमने के लिए रख दें. गाजर बहुत पौष्टिक तत्वयुक्त होती है अतः यह बर्फी बहुत पौष्टिक होती है.

आंवले की बर्फी (aanvla barfi )- गाजर की तरह ताज़ा हरा आंवला भी इस शीतकाल में उपलब्ध रहता है. एक किलो बड़े बड़े बेदाग़ पके आंवलों को स्टील की किसनी से किस लें. इसमें एक छोटा चम्मच पिसी फिटकरी बुरबुरा कर डाल दें और एक दिन व् रात भर रखा रहने दें. दूसरे दिन निकाल कर साफ़ पानी से धो लें.आंवलों से दुगुने वजन में चीनी डाल कर आंवलों को आंच पर चढ़ा कर खूब पकाएं. जब तार बनने लगे तो उतार कर पाक विधि से थाली में जमा दें और जम जाए तो बर्फी काट लें. बस आंवले की स्वादिष्ट और पौष्टिक बर्फी तैयार है जिसमे आंवले के सभी पोषक गन मौजूद रहते हैं.

मेथी की बर्फी(methi barfi ) - आधा किलो खोये (मावे) में एक रुपये वज़न के बराबर मेथी डाली जाती है. मेथी को कढ़ाई में डाल कर (बिना घी के ) भून लें. जब मेथी लाल हो जाए तो उतार कर महीन पीस लें. खोये को भी भून लें और मेथी का पाउडर डाल कर २५० ग्राम चीनी का बूरा डाल दें और थोड़ा हिला चला कर उतार लें. अब इसे पाक विधि से थाली में जमा लें. यह मेथी की बर्फी वात प्रकोप, जोड़ों में दर्द और अन्य वात जन्य रोगों को दूर करने वाली औषदि भी है और स्वादिष्ट व्यंजन भी.

12)सेब की स्वादिष्ट रबड़ी (tasty apple rabdi )


सामग्री - एक लीटर मलाईयुक्त दूध, ४ बड़े चम्मच चीनी, दो पके हुए मीठे सेबफल , आधा चम्मच पिसी हुई इलायची का पाउडर, ३ बादाम छिले हुए और कतरे हुए .
विधि - दूध को भगोने में डाल कर उबालें. उबलने लगे तब इसमें चीनी डाल कर मंदी आंच पर हिलाते-चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक दूध आधा न रह जाए. अब सेब छिल कर कस लें और दूध में डाल दें. एक उबाल ले कर उतार लें और कतरी हुई बादाम व् पिसे हुए इलायची दाने बुरक दें. बस इसे गरम-गरम परोसें. यह बहुत स्वादिष्ट और पौष्टिक रबड़ी है.

13)प्याज़ लहसुन रहित तरी ( प्याज लहसुन रहित तरी, gravy without onion and garlic )

सामग्री - दो बड़े चम्मच काजू, दो बड़े चम्मच खसखस और एक बड़ा चम्मच मगज बीज, अदरक का एक टुकड़ा, जरा सी शक्कर, धनिया, हल्दी,नमक, मिर्च, गरम मसाला स्वाद के अनुसार , एक चम्मच मलाई और २-३ पके लाल टमाटर , थोड़ा सा तेल और दही.

विधि - तेल गरम करें. अदरक पीस कर तेल में डाल दें. एक चमचा दही में धनिया, हल्दी आदि सब मसाले डाल कर घोल लें और इसे भी डाल कर हिलाते चलते रहें . जब मिश्रण तेल छोड़ने लगे तब टमाटर मसल कर डाल दें और भूनते हुए इसमें काजू, खसखस, शक्कर और मलाई डाल दें. भून कर मनचाही मात्रा में पानी डालकर तरी बना लें. बिना लसुन प्याज़ की यह तरी बहुत स्वादिष्ट लगती है.

14) angoor ki chutney, अंगूर की चटनी (grapes chutney)

सामग्री - पके अंगूर आधा किलो, चीनी १०० ग्राम, काली मिर्च २० दाने, लौंग ६-७, जीरा आधा चम्मच, नमक एक चम्मच, कला नमक आधा चम्मच, पोदीने के १०-१५ पत्ते, चने बराबर भुनी हींग, पिसी सौंफ १ चम्मच, मेथी बीज एक चम्मच, एक निम्बू और घी १ चम्मच.

विधि - अंगूर धो कर साफ़ कर लें. इसमें काली मिर्च, लौंग, पोदीना, हींग, सौंफ, मेथी बीज, नमक मिला कर पीस लें. एक चम्मच घी गरम करके इसमें जीरा डाल के छौंक तैयार करें और अंगूर व् मसालों का मिश्रण डाल कर छौंक दें. एक उबाल आने पर इसमें काला नमक व् चीनी डाल कर गाढ़ा होने तक हिलाते चलते रहें फिर उतार लें. ठंडा हो जाये तब निम्बू निचोड़ दें. बस, स्वादिष्ट, पौष्टिक और चटपटी अंगूर की चटनी तैयार है.

15 ) नारियल का कलाकंद (nariyal ka kalakand )

सामग्री - एक ताज़ा और पानी वाला नारियल, दो लीटर दूध, १०० ग्राम चीनी, इलायची व् चिरोंजी,किशमिश अंदाज से, थोड़ी सी केसर.
विधि - नारियल को फोड़ लें और गिरी को कद्दूकस कर बारीक़ पीस लें. जरा से दूध में केसर को घोंट कर पीस कर मिला लें और इसे दूध में डाल कर घोल दें. इस किसे हुए नारियल को दूध में डाल कर उबलने के लिए रख दें. इसे इतना उबालें की दूध का खोवा (मावा) बन जाए. इसे हिलाती चलाती रहें ताकि पेंदे में चिपकने न पाए. जब दूध उबलते हुए मावा बन जाए तब चीनी डाल कर थोड़ी देर और हिलाएं चलाएं. ५-१० मिनट बाद उतार लें और आवश्यकता के अनुसार इलायची, चिरोंजी, किशमिश आदि मेवे डाल कर मिला दें. नारियल का यह कलाकंद स्वादिष्ट तो है ही साथ ही बहुत पौष्टिक व् बलवर्धक भी है. यह १०-१५ दिन तक ख़राब नहीं होता.

16 ) पनीर की बर्फी (paneer /paneer ki barfi )

सामग्री - एक कप पनीर, १ लीटर दूध, १ कप चीनी, ४ छोटी इलायची के पइसे हुए दाने, कुछ बूँद रूह केवड़ा की, २ चम्मच खोपरे का बूरा, १० ग्राम चिरोंजी, १० ग्राम किशमिश व् एक चम्मच शुद्ध घी.
विधि - पनीर को अच्छी तरह मसल लें. दूध को आग पर पका कर गाढ़ा करें. एक कड़ाही में घी डाल कर इसमें मसला हुआ पनीर, गाढ़ा किया हुआ दूध, चीनी, इलायची और खोपरे का बूरा एक चम्मच डाल कर अच्छी तरह हिलाते चलाते हुए भूनें. थोड़ा गाढ़ा हो जाये तब निचे उतार लें और एसेंस की कुछ बूँदें डाल कर मिला दें. एक थाली में घी का हाथ लगा कर यह गाढ़ा घोल फैला कर डाल दें. ऊपर से आधा बचा हुआ खोपरे का बूरा बुरक कर चिरोंजी किशमिश फैला कर डाल दें. जब जम जाये तब बर्फी काट लें. आवश्यकता के अनुसार इसे दूनी चौगुनी या किसी भी मात्रा में बना सकती हैं. यह आहार पूरे परिवार के लिए सेवन योग्य है.

17 ) सिंघाड़े के मीठे सेव ( singhade ke meethe sev )

सामग्री - सिंघाड़े का आटा २५० ग्राम , शक्कर ५०० ग्राम, तलने के लिए उपयुक्त मात्रा में शुद्ध घी .
विधि - सिंघाड़े के आटे को पानी में गाढ़ा घोल कर आटे की तरह गूंथ लें. कढ़ाई में घी डाल कर गरम करें और इस पर झारा रख सेव बनाने की विधि से झारे पर आटा रख कर पानी का हाथ लगा कर दबाएं और सेव तल कर निकालती जाएँ. इसके बाद शक्कर की दो तार की चाशनी बना कर सेव डाल दें. वृत- उपवास करने वालों के लिए यह फरियाली व्यंजन है. यह बहुत पौष्टिक और बलवर्धक भी है. यह सेव १०-१५ दिन तक ख़राब नहीं होते.

18 ) नमकीन सलाद (spicy salad , namkin salad or namkeen salad )

सामग्री - दो तीन तरह के मौसमी फल , सलाद पत्ती, मूली, गाजर , टमाटर, पत्ता गोभी, अदरक, हरी मिर्च, हरा धनिया, निम्बू, भिगोये हुए देशी चने, काली मिर्च और सेंधा नमक. सब अंदाज से और आवश्यक मात्रा में.
विधि - सलाद पत्तियों और गोभी के पत्तों को धो कर प्लेट में फैला कर रखें. फलों को काट कर इन पत्तियों पर रखें. टमाटर को गोल-गोल काट कर इन फलों पर फैला दें और चने डाल दें. ऊपर से हरी मिर्च और हराधनिया (कोथमीर ) काट कर बुरक दें. निम्बू निचोड़ कर काली मिर्च और सेंधा नमक डाल दें. यह सलाद बहुत स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से युक्त है. इसे भोजन के साथ खाएं या दोपहर के बाद की चाय के साथ खाएं या फिर भोजन न करके इस सलाद को ही भोजन की जगह भूख के अनुसार मात्रा में खूब चबा चबा कर शाम को खाएं.
विभिन्न सलाद - थोड़े से फेरबदल करके हम विभिन्न प्रकार के सलाद बना सकते हैं. जैसे भरवां टमाटर का सलाद तैयार करने के लिए पके लेकिन कड़े और लाल सुर्ख टमाटर लेकर , इनके अंदर का रस और बीजे इस सफाई और चतुराई से निकालें की ये पिचके नहीं. तेज़ चाक़ू से टमाटर को बीच में से काट कर इनका रस व् बीज निकाला जा सकता है. इनमे जगह बनाकर मूली, गाजर, अदरक, पत्ता गोभी , पालक को खूब बारीक़ क़तर कर यथास्थान भर दें और टमाटर के दोनों टुकड़ों को जोड़ कर प्लेट में रखकर ऊपर से हरा धनिया, हरी मिर्च काट कर डाल दें. पिसी काली मिर्च और सेंधा नमक या सफ़ेद नमक बुरक कर निम्बू निचोड़ दें. जो प्याज खाते हों उनके लिए प्याज के लच्छे काट कर डाल दें. प्लेट पर पहले सलाद पत्ती फैलाकर रखें ऊपर से टमाटर जमा -जमा कर रखें. अब एक गोल कटा हुआ टुकड़ा चुकंदर का, एक टुकड़ा मूली का लेकर ऊपर से सजा कर रख दें. रंग-बिरंगा, देखने में सुन्दर, स्वाद में मज़ेदार और पोषक तत्वों से भरपूर यह सलाद तैयार हो गया है. इसी तरह टमाटर की जगह अमरुद , सेब और पपीते की खोल में ये सब चीजें भर कर सलाद बनाये जा सकते हैं.

19 ) केले की पौष्टिक खीर (kele ki paushtik kheer , kheer of banana )

विधि - केले गोल-गोल काट लें और एक कप पानी में डाल कर उबालें. नारियल फोड़ कर गिरी का दूध (मसल कूट कर ) निकाल कर उबले हुए केलों में डाल कर शक्कर डाल दें और खूब अच्छी तरह मिला कर २-४ मिनट और उबाल लें फिर उतार कर काजू बारीक़ काट कर और इलायची के दाने पीस कर डाल दें. किशमिश व् केसर को २-३ घंटे पहले पानी में डाल कर रखें और अब पानी से निकाल कर इस खीर में डाल दें. बस, बिना दूध की केले की खीर तैयार है. यह खीर महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है. जिन्हें रक्तप्रदर की शिकायत हो उन्हें प्रतिदिन ये खीर अवश्य कहना चाहिए.

20 ) पौष्टिक बर्फी (paushtik barfi )

सामग्री - मूंगफली के दाने १०० ग्राम, तिल १०० ग्राम, बेसन १०० ग्राम, सिंघाड़े का आटा १०० ग्राम, सोयाबीन का आटा ५० ग्राम, गुड़ ३०० ग्राम, शुद्ध घी १०० ग्राम.
विधि - मूंगफली और तिल को अलग अलग भून कर , मूंगफली का छिलका हटा दें और दोनों को मोटा मोटा पीस कर रख दें. बेसन, सिंघाड़े व् सोयाबीन का आटा अलग-अलग घी में अच्छी तरह सेक लें जैसे हलवे का आटा सेका जाता है. सेकने के बाद तीनों मिला कर तिल व् मूंगफली भी मिला लें. गुड़ की तीन तार की चाशनी बनाकर सारे मिश्रण को चाशनी में डाल कर हिला-चला कर खूब अच्छी तरह मिला लें. एक थाली में घी का हाथ लगा कर इस मिश्रण को फैला कर डाल लें. जब जम जाए तब बर्फी काट लें. यह बर्फी बहुत पौष्टिक और बलवर्धक है.

21 ) उड़द की बर्फी (urad ki barfi )

सामग्री - उड़द की छिलका रहित दाल १ किलो , बादाम की गिरी २५० ग्राम , काजू २५० ग्राम, पिश्ता १०० ग्राम, शक्कर १ किलो, खसखस के दाने १०० ग्राम, शुद्ध घी १ किलो, अखरोट ५० ग्राम, किशमिश और चिरोंजी ५०-५० ग्राम, दालचीनी १० ग्राम, जावित्री ५ ग्राम.
विधि - रात को उड़द की दाल पानी में डाल कर रख दें और प्रातःकाल सील पर या मिक्सी में महीन पीस कर घी में मंदी आंच पर खूब अच्छी तरह गुलाबी होने तक सेक लें. बादाम, काजू, पिश्ता और अखरोट बारीक काट कर थोड़े से डाल कर खूब अच्छी तरह मिला लें और बाकी एक तरफ रख दें. दालचीनी, खसखस एयर जावित्री खूब महीन पीस कर इसमें बरकते जाएँ और हिलाते चलते जाएँ ताकि अच्छी तरह मिल जाएँ. अब शक्कर की दो तार की चाशनी बना लें और इसमें पीठि डाल कर अच्छी तरह मिला कर, एक थाली में घी का हाथ लगा कर पीठि फैला कर डाल दें और इसके ऊपर शेष मेवे , किशमिश और चिरोंजी आदि फैला कर डाल दें. जब जम जाए तब बर्फी काट लें. यह बर्फी अत्यंत पौष्टिक, बलवीर्यवर्द्धक, दिमागी ताकत बढ़ने वाली और स्वादिष्ट व्यंजन है. नाश्ते के रूप में प्रातःकाल १-२ बर्फी खा कर दूध या चाय पीना छात्र-छात्राओं तथा दिमागी काम करने वालों के लिए बहुत ही गुणकारी सिद्ध होता है. इसे केवल शीतकाल में ही सेवन किया जा सकता है क्योंकि यह व्यंजन पचने में भरी होता है. इसलिए शीतकाल में इस बर्फी को अवश्य बनाएं और पूरे परिवार को सेवन कराएं.

२२) बादाम खसखस का हलवा (badam khaskhas ka halwa )

सामग्री - बादाम की गिरी २५० ग्राम, खसखस १२५ ग्राम, गेहूं का आटा १ कटोरी , शक्कर २५० ग्राम, दूध १ कप, पानी २ कप, शुद्ध घी एक कटोरी, केसर व् इलायची अंदाज़ से.
विधि - बादाम और खसखस ठन्डे पानी में भिगो कर रख दें. प्रातः बादाम छिल लें और सील पर या मिक्सी में दोनों को महीन पीस लें. कढ़ाई में घी डाल कर गरम करें और पिसी बादाम व् खसखस डाल कर मंदी आंच पर खूब अच्छा गुलाबी होने तक सेंक लें. जब सुगंध आने लगे तब इसमें आटा डाल कर हिलाते चलते हुए सेकें और जब घी छूटने लगे तब समझ लें की सिक गया. एक भगोने में दूध और दो कप पानी मिला कर उबालें. जब उबलने लगे तब इसे सिके हुए हलवे में डाल दें और आंच तेज करके हिला चला कर पकाएं. फिर शक्कर डालें , जब गाढ़ा हो जाये तब उतार लें. केसर को २-४ बूँद दूध डाल कर घोंटपीस लें, इलायची के दाने महीन पीस लें और दोनों इसमें डाल कर हिला-चला कर मिला दें. थोड़ा ठंडा होने पर गरम-गरम परोसें. यह हलवा दिमाग को तरावट और ताकत पहुँचाने में लाजवाब है इसलिए यह व्यंजन विद्यार्थियों और दिमागी काम करने वालों को अवश्य खाना चाहिए.

23 ) चीज़ की नमकीन मठरी

बादाम खसखस के हलवे के साथ एक नमकीन व्यंजन भी हो तो खाने का मज़ा और स्वाद बढ़ जाता है. लीजिए , एक स्वादिष्ट नमकीन व्यंजन विधि प्रस्तुत है :-
सामग्री - गेहूं का आटा २ कटोरी, चीज़ (पनीर) ५० ग्राम, घी आवश्यक मात्रा में, पिसी अजवाइन, नमक व् काली मिर्च यथोचित मात्रा में.
विधि - आटे में घी का मोयन देकर , चीज़ (पनीर) को किस कर, अजवाइन, नमक व् काली मिर्च पीस कर, इन सबको मिला कर गूंथ लें. इसे गरम पानी डाल कर थोड़ा कड़ा गूंथें. कढ़ाई में घी डाल कर गरम करें और हाथ से छोटी छोटी और ज़रा मोटी लोई बनाकर हथेलियों से दबा कर मठरी जैसी बना कर मंदी आंच पर गुलाबी तल कर निकाल लें. यह मठरी बहुत अच्छी, खस्ता और स्वादिष्ट लगती है. पौष्टिक तो खैर है ही. यह काफी दिन तक ख़राब नहीं होती अतः काफी ज़्यादा मात्रा में भी बनाकर राखी जा सकती है. रोज़ हलवा बनाकर प्रातः नाश्ते के रूप में यह मठरी हलवे के साथ खाई जा सकती है.

24 ) थ्री इन वन रायता

सामग्री - हरी मटर की फली २५० ग्राम, पनीर १०० ग्राम, आलू ३ नग. दही - ५०० ग्राम. भुना पिसा जीरा २ चम्मच, धनिया पाउडर १ चम्मच, तलने के लिए घी , एक कप पानी. हरा धनिया बारीक़ काटा हुआ.

विधि - मटर छील कर दाने निकाल लें. आलू उबाल लें और छील कर टुकड़े कर लें. पनीर के एक इंच चौकोर टुकड़े कर लें. कढ़ाई में घी गर्म करके पनीर व् आलू के टुकड़ों को भूरा होने तक तल लें और ठन्डे होने के लिए रख दें. मटर के दानों को जीरा डाल कर बघार लगाएं और मटर जब तक नरम न हो जाए तन तक फ्राई करें. अब दही में पानी व् शक्कर मिला कर मथनी से मथ लें. इसमें लाल मिर्च, दोनों नमक, पनीर, आलू सब मिक्स कर लें. ऊपर से हरा धनिया डाल कर रख दें. स्वादिष्ट पौष्टिक रायता तैयार है.

25 ) केले का पौष्टिक हलवा

सामग्री - पके हुए केले ६ नग , सूजी ४०० ग्राम, शुद्ध घी ४०० ग्राम, दूध ४८० मिली , बादाम ५ नग , किशमिश २ चम्मच भर, शक्कर ३०० ग्राम, हरी इलायची पाउडर १ चम्मच, एक चम्मच भर चिरोंजी.
विधि - केले को छील कर एक इंची टुकड़ों में काट लें. एक कप कुनकुने गर्म पानी में बादाम और पिस्ता थोड़ी देर तक भिगो लें ताकि छिलके आसानी से उतर जाये. कढ़ाई में घी गर्म करके सूजी डाल कर मंदी आंच पर ब्राउन कलर होने तक सेकें और इसमें केले डाल कर अच्छी तरह से हिलाएं चलाएं. अब इसमें दूध डाल दें. शक्कर डाल कर घुलने तक हिलाते रहें और आंच मंदी रखें. चिरोंजी और किशमिश धो कर साफ़ करके इसमें डालें. बादाम और पिस्ता का छिलका उतार कर बारीक़ चिप्स काट लें और इसमें मिलाएं. इलायची पाउडर डाल कर गैस बंद करके ५ मिनट के लिए ढक कर रखें. पौष्टिक ताकतवर केले का हलवा तैयार है.

26 ) ग्वारपाठा मेथी की लौंजी (gwarpatha methi ki launji )

सामग्री - ग्वारपाठा १०० ग्राम, मेथी २५ ग्राम, किशमिश २० नग, तेजपत्ता २ नग, चुटकी भर हींग,जीरा आधा चम्मच, राइ पिसी हुई १ चम्मच, धनिया पिसा हुआ २ चम्मच, लाल मिर्च पिसी डेढ़ चम्मच, अमचूर डेढ़ चम्मच, चीनी एक बड़ा चम्मच, तेल ४ बड़े चम्मच और नमक स्वाद के अनुसार.

विधि - ग्वारपाठा के कांटे छिल कर, छोटे चौकोर टुकड़े कर, पानी में उबालें. मेथी दाना भी उबाल कर नल के बहते पानी में धो लें. एक कढ़ाई में तेल गर्म कर तेजपत्ता, हींग व् जीरा डाल कर बघार तैयार कर, अमचूर को छोड़ कर, सबको इसमें डाल कर हिला चला कर मिला लें. जब चिली गल जाये तब अमचूर डाल कर मिला कर २ मिनट बाद उतार लें. यह बहुत स्वादिष्ट और गुणकारी लौंजी है. यह ४-५ दिन तक ख़राब नहीं होती.

27 ) पौष्टिक पनीर रोल (paushtik paneer roll )

सामग्री - ४ बड़े आलू, काली मिर्च पौन चम्मच, काला नमक १ चम्मच
भरावन की सामग्री - पनीर पौन कप, सेंधा नमक आधा चम्मच, हरी मिर्च २-३ नग, बादाम ३-४ नग , किशमिश ३-४ नग, तेल या घी तलने के लिए.
विधि - आलू उबाल कर मसल लें. इसमें काला नमक व् काली मिर्च मिला कर एक तरफ रख दें. पनीर किस लें. हरी मिर्च काट कर बीज निकाल दें. बादाम बारीक़ काट लें और नमक व् किशमिश के साथ इन्हें पनीर में मिला दें. मसले हुए आलू के छह गोले बना लें और गोलों को दबा कर टिकिया बना लें. इन पर एक-एक चम्मच पनीर मिश्रण रख कर रोल कर लें . सभी रोल तैयार कर तेल या घी में अच्छे से भून लें. इन्हें बीच में से काट लें और गरम गरम परोसें.

28 ) कच्चे नारियल के लडडू ( kachche nariyal ke laddu )

सामग्री - कच्चा नारियल २०० ग्राम, पनीर २०० ग्राम, मावा (खोया) ५० ग्राम, मिल्क पाउडर ५० ग्राम, चीनी या बूरा १०० ग्राम, पिस्ता ५० ग्राम व् केसर की १०-१२ पंखड़ी.
विधि - पनीर और मावे को मसल कर बारीक़ कर लें. इसमें मिल्क पाउडर और बूरा या चीनी पीस कर मिला लें और अच्छी तरह गूँथ कर लडडू बाँध लें. लड्डुओं में पिस्ते काट कर चारों तरफ खोंस दें और इन पर नारियल किस कर बुरक दें. अब इन लड्डुओं में एक एक पंखड़ी केसर लगा कर परोसें.

29 ) मावा केक (Maava cake , Mawa cake )

सामग्री - मावा २०० ग्राम, मैदा ३०० ग्राम, दूध २ कप, मक्खन १५० ग्राम, बेकिंग पाउडर २ चम्मच, चीनी २५० ग्राम, मीठा सोडा आधा चम्मच, वेनिला एसेंस ८-१० बून्द , चेरी ५० ग्राम, एक निम्बू का रस, कार्नफ्लोर २ चम्मच, आइसिंग के लिए - आइसिंग शुगर, मक्खन, जेम्स, रंग, चेरी आदि.
विधि - सबसे पहले मावा, मक्खन, दूध व् चीनी को मिला लें, फिर मैदा, कार्नफ्लोर, बेकिंग पाउडर व् मीठा सोडा को अच्छी तरह मिला कर छान लें और मावा मक्खन वाले मिश्रण में डाल कर अच्छी तरह मसल गूँथ कर एक जान कर लें. निम्बू का रस छान कर डाल दें. चेरी डाल दें व् वेनिला एसेंस डाल कर अच्छी तरह मिक्स करके ओवन में १८० डिग्री पर बनने के लिए रख दें. लगभग ४०-४५ मिनट में केक तैयार हो जायेगा. बाजार के केक के मुकाबले घर में बनाया हुआ ये केक शुद्ध भी होगा और सस्ता भी, पौष्टिक व् स्वादिष्ट तो होगा ही.

३०) सोया मूंग मिक्सचर (soya moong mixture )

सामग्री - सोयाबीन दाल २५० ग्राम , मुंग की दाल छिलकायुक्त २०० ग्राम, मूंगफली दाना ५० ग्राम, निम्बू २ नग, नमक मिर्च अंदाज से, थोड़ा सा करी पत्ता, सोयाबीन तेल तलने की लिए और एक चम्मच शक्कर, दो चम्मच घी.
विधि - सोयाबीन और मूंग की दाल , अलग अलग शाम को पानी में भिगो कर रख दें. सुबह सोयाबीन की दाल को धो कर , कुकर में पानी डाल कर, दाल डाल दें और दो सिटी आने तक उबालें फिर उतार कर ठंडी करके सिलबट्टे या मिक्सी में अच्छी तरह पीस कर फेंट लें. कढ़ाई में सोयाबीन तेल गरम करें. पिट्ठी में नमक, मिर्च व् निम्बू का रस मिलाकर धीमी आंच पर दाल की छोटी छोटी पकौड़ियाँ तल लें. इसी तरह मूंग की दाल को सुबह पानी से निकालकर , मसल कर, छिलका अलग कर दाल को मलमल के कपडे में बाँध कर नल पर लटका दें. थोड़ी थोड़ी देर से इसपे पानी के छींटे मारते रहें. दो घंटे बाद कपडे से दाल निकल कर, चुटकी भर मीठा सोडा डाल कर दाल को मसल लें फिर तेल में तल कर थाली में फैला कर ठंडी होने के लिए रख दें. मूंगफली के दाने तल लें. दो चम्मच घी गरम कर इसमें करी पत्ता डाल कर चटकाएं, नमक, मिर्च व् शक्कर डाल कर गैस बंद कर दें. इसमें सोयाबीन की पकौड़ियाँ, तली हुई दाल व् मूंगफली के दाने मिला कर ठंडा कर लें फिर ज़ार (बरनी ) में भर कर रख लें. बढ़िया पौष्टिक व् स्वादिष्ट मिक्सचर तैयार है.

31 ) केले की फलाहारी पूड़ियाँ (kele ki falahari pooriyaan )

सामग्री- केले २ नग, राजगिरे का आटा २ कप, नारियल का ताज़ा बूरा ४ चम्मच, सेंधानमक स्वाद के अनुसार, तलने के लिए घी या तेल.
विधि - पके केलों को मेश कर लें. आटे में घी या तेल का मोयन देकर सेंधानमक मिला लें फिर मैश किये हुए केले मिलाकर गूंथ लें और थोड़ी देर के लिए रख लें. फिर इसकी लोइयां बनाकर नारियल के बुरादे में लपेटकर पूरियां बेल कर घी या तेल में तल लें. इन्हें पुदीने की चटनी के साथ परोसें.

32 ) अदरक लहसुन का अचार (adrak lahsun ka achar , pickle of ginger and garlic )

सामग्री - अदरक २५० ग्राम, लहसुन की कलियाँ २५० ग्राम, सेंधानमक ५० ग्राम, कालानमक २५ ग्राम, निम्बू का रस ५० मिली., कालीमिर्च ५० ग्राम.
विधि - लहसुन की कलियाँ और अदरक छिल कर दोनों के छोटे छोटे टुकड़े काट लें. नमक और काली मिर्च पीस कर महीन पाउडर कर लें. निम्बू का रस छान कर डाल दें और ऊपर से सब पिसे छाने पदार्थ इस रस में डाल कर ढक्कन लगा कर रख दें. ८-१० दिनों में अचार तैयार हो जायेगा. इस अचार को थोड़ी सी मात्रा में भोजन के साथ प्रतिदिन खाएं. इस अचार के सेवन सी वात और कफ प्रकोप का शमन होता है. उच्च रक्तचाप और ह्रदय रोग के रोगी को भी लाभ होता है.

33 ) आंवले का मीठा अचार (aanwle ka meetha achar , sweet pickle of amla )

सामग्री - आंवले १ किलो, खाने का तेल ७५० ग्राम, राई की दाल १०० ग्राम, सरसों की दाल १०० ग्राम, सौंफ ५० ग्राम, मेथीदाना ५० ग्राम, लाल पिसी मिर्च ३ चम्मच, नमक १०० ग्राम, गुड़ २५० ग्राम, हींग चुटकी भर.
विधि - एक कढ़ाई में पानी भर कर उबालें और ऊपर चलनी में आंवलों को धो कर रख दें और उबाल कर उतार दें. सौंफ व् मेथी दानों को मिक्सी में दरदरा कर लें. एक बड़ी थाली में सब मसाले बीच में रख कर गुड़ को बारीक मसल कर इसमें मिला लें. आंवले ठन्डे हो जाएँ तब उनकी गुठलियां निकाल दें. हींग पीस कर सब मसलों को एक साथ राउंड में बीच में फैला दें और आजु बाजू में आंवले फैलाएं. कढ़ाई में तेल गरम करके इसमें डालें और बड़े चम्मच सी अच्छी तरह हिला चला कर सब मिक्स कर लें. ठंडा होने पर चीनी मिटटी के जार में भर कर कपडा बाँध कर रख दें. हर दूसरे दिन हिलाते रहें. १० दिन में स्वादिष्ट और पौष्टिक आंवले का अचार तैयार हो जायेगा.

 

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