विदार्यादि चूर्ण के घटक द्रव्य (ingredients of VIDARyadi churna ) - विदारीकंद, सफ़ेद मूसली, सालमपांजा, बड़े गोखरू और अकरकरा - सभी द्रव्य १००-१०० ग्राम और मिश्री ३०० ग्राम.
विदार्यादि चूर्ण निर्माण विधि (VIDARyadi चूर्ण प्रिपरेशन मेथड ) - प्रत्येक द्रव्य को अलग अलग कूट पीस कर महीन चूर्ण कर लें और सामान मात्रा में तौल कर मिला लें. इस मिश्रण को तीन बार छान लें ताकि अच्छी तरह मिल कर एक जान हो जाएँ. अब इस मिश्रण को कांच की बरनी में भर कर, एयर टाइट ढक्कन लगा कर रखें.
विदरयादि चूर्ण मात्रा और सेवन विधि (VIDARyadi churna quantity and dosage ) - सुबह खली पेट और रात को सोते समय (भोजन के दो घंटे बाद ) कुनकुने मीठे दूध के साथ एक-एक चम्मच चूर्ण लें.
विदार्यादि चूर्ण के लाभ (Advantages and health benefits of VIDARyadi churna ) - इस योग में, आयुर्वेद के प्रमुख वाजीकारक योगों में प्रयोग किये जाने वाले, उत्तम घटक द्रव्य हैं जो मेहेंगे जरूर हैं पर लाभ करने में बेजोड़ हैं. विदार्यादि चूर्ण उत्तम वाजीकारक , बलवीर्यवर्द्धक, स्तम्भन शक्ति दायक और कामोत्तेजक गुणों से युक्त है इसलिए नपुंसकता, ध्वजभंग, धातुक्षीणता व् वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन तथा शिथिलता आदि शिकायतें दूर करने वाला है. इस योग का सेवन कम से कम ६० दिन तक तो करना ही चाहिए.