आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में जड़ी बूटियों का उपयोग चूर्ण के रूप में या काढ़े के रूप में कराया जाता है. औषधि निर्माता जड़ी बूटियों का उपयोग कर आयुर्वेदिक औषधियां बनाते हैं. जड़ी बूटी का उपयोग घनसत्व के रूप में भी किया जाता है. घनसत्व के रूप में निर्मित की जाने वाली जड़ी बूटियों की जानकारी इस आर्टिकल में दी जा रही है.
हमारे देश में अनेक प्रकार की जड़ी बूटियां पैदा होती हैं जिनका उपयोग चिकित्सा करने और औषधियों का निर्माण करने में किया जाता है. यदि इनके गुण , प्रभाव एवं उपयोग का समुचित ज्ञान हो तो इनका उपयोग 'घरेलु इलाज ' के रूप में करके , छोटी छोटी व्याधि से छुटकारा पाया जा सकता है. इसी उद्देश्य से Biovatica .Com में विशेष रूप से उपयोगी व् गुणकारी जड़ी-बूटियों को चुन चुन कर उनका परिचय तथा उनके गुण , प्रभाव , उपयोग विधि एवं लाभ आदि का प्रामाणिक एवं परीक्षित विवरण प्रस्तुत किया जाता रहा है जसका उपयोग कर अनेक website visitors लाभ उठाते रहे हैं. ऐसी ही कुछ चुनी हुई और विशेष रूप से उपयोगी जड़ी बूटियों को 'घनसत्व' के रूप में तैयार कर कैप्सूल के रूप में अनेक औषधि निर्माता बाज़ार में उपलब्ध कर रहे हैं. घनसत्व के रूप में किसी भी जड़ी बूटी का सेवन करना सुविधाजनक व् आसान होता है जबकि चूर्ण या काढ़े के रूप में किसी कड़वे स्वाद वाली या दुर्गन्धयुक्त जड़ी बूटी का सेवन करना कष्टदायक और अरुचिकर होता है.
कच्ची जड़ी बूटी को कूटना पीसना या काढ़ा बनाना भी हर किसी के लिए, आज की व्यस्त जीवनशैली में, संभव नहीं हो पाटा जबकि कैप्सूल के रूप में सेवन करने में कोई कठिनाई नहीं होती. घनसत्व के रूप में किसी भी जड़ी बूटी को सेवन करने की एक विशेष महत्ता और उपयोगिता और भी है की गुणवत्ता और प्रभाव की दृष्टि से ५०० मिग्रा. का एक कैप्सूल ५ ग्राम (एक छोटा चम्मच ) चूर्ण के बराबर गुण व् प्रभाव रखता है. यदि दो कैप्सूल का सेवन किया गया तो यह १० ग्राम (एक बड़ा चम्मच ) चूर्ण लेने के बराबर हो गया. इस तरह कैप्सूल के रूप में किसी जड़ी बूटी का सेवन करना जहाँ सरल व् सुविधापूर्ण हो गया है वहीँ अधिक गुण व् प्रभाव करने वाला भी हो गया है.
अब हम कुछ गुणकारी जड़ी बूटियों का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं :-
१) अश्वगंधा (Ashwagandha ) - सुबह शाम २-२ कैप्सूल दूध के साथ लगातार एक वर्ष तक सेवन करने से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है. पूरे वर्ष भर नहीं तो शीतकाल के दिनों में अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन अवश्य करना चाहिए. अश्वगंधा के नियमित सेवन से शरीर का दुबला-पतलापन , धातु क्षीणता, वृद्धावस्था के कारण होने वाली क्षीणता व् कमजोरी, स्नायवित दौर्बल्य, जोड़ों के दर्द, वात व्याधियां, नेत्र ज्योति की कमजोरी तथा महिलाओं के प्रदर व् रक्तप्रदर के कारण आयी शारीरिक दुर्बलता दूर होती है. आयुर्वेद ने "अश्वगंधा" को "सर्व रोग निवारण" जड़ी बूटी कहा है.
२ ) शतावरी (Shatavari ) - शतावरी भी अश्वगंधा की तरह प्रमुख व् श्रेष्ठ जड़ी बूटी है जो महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है. इसके २-२ कैप्सूल सुबह शाम दूध के साथ लेना, उन महिलाओं के लिए रामबाण औषधि का काम करता है जिनको दूध नहीं आता हो. इसके नियमित सेवन से महिलाओं के रक्तप्रदर , श्वेतप्रदर, शारीरिक कमजोरी, चेहरे की निस्तेजता दूर होती है. अनिद्रा, रतौंधी, रक्तातिसार, मूत्र विकार, श्वास, खांसी, स्वप्नदोष, धातुस्राव आदि बीमारियां शतावरी के सेवन से दूर होती हैं. शतावरी को भी दूध के साथ लेना चाहिए.
३) मधुयष्टि - इसे बोलचाल की भाषा में मुलेठी, मुलहठी और जेठीमध कहते हैं. मुलहठी वात पित्त शामक, हलकी दस्तावर, चर्मरोग नाशक, कफ को ढीला करने वाली, केशवर्धक है और कफयुक्त खांसी, हिचकी, कामला (पीलिया) , रक्तपित्त , त्वचा रोग, पेशाब की जलन, अल्सर आदि रोगों की चिकित्सा में उपयोगी सिद्ध होती है.
४) अर्जुन - अर्जुन वृक्ष की छाल को आयुर्वेद ने ह्रदय रोग को दूर करने वाली महान औषधि बताया ही है अब तो आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के शोधकर्ताओं ने भी अपने अनुसंधान में अर्जुन को ह्रदय के लिए बहुत गुणकारी घोषित कर दिया है. इसके सेवन से ह्रदय की दुर्बलता, धड़कन की अनियमितता , ह्रदय शूल (angina pain ), ह्रदय का बढ़ जाना तथा घबराहट होना जैसे ह्रदय सम्बन्धी विकारों को दूर कर ह्रदय को स्वस्थ और बलवान बनाने वाली बेजोड़ औषधि है. यह उच्च रक्तचाप को भी सामान्य करती है.
५) कौंच - कौंच के बीजों को शुद्ध करके इसका चूर्ण बनाकर प्रयोग में लिया जाता है. आयुर्वेद ने इसे श्रेष्ठ वाजीकारक, वीर्यवर्धक, धातु पौष्टिक, शिथिलता नाशक, अत्यंत उत्तेजक और नपुंसकता को दूर करने वाली श्रेष्ठ औषधि माना है. क्षीण वीर्य, नष्ट धातु और खंजवात (parkinsons ) से पीड़ित रोगी के लिए यह अमृत के सामान गुणकारी औषधि है. इसके सेवन से शरीर में शक्ति और स्फूर्ति यानी चुस्ती फुर्ती का संचार होता है, चेहरा तेजस्वी और शरीर शक्तिशाली होता है. इसका सेवन भी दूध के साथ करना चाहिए.
६) ब्राह्मी - आयुर्वेद ने ब्राह्मी को मस्तिष्क ,स्मरणशक्ति और शरीर के स्नायविक संस्थान (nervous system ) को बलवान बनाने वाली श्रेष्ठ औषधि कहा है. इसके सेवन से अनिद्रा, उन्माद, मानसिक विकार, उच्च रक्तचाप जैसी व्याधियां दूर होती है, बाल झड़ना बंद होता है, आवाज मधुर होती है और ब्रह्म साधना करने में मदद मिलती है. हिस्टीरिया, मूर्च्छा, अपस्मार, याददाश्त की कमजोरी, चित्त भृम, ग्लानि, अवसाद आदि रोगों की चिकित्सा में ब्राह्मी का उपयोग बहुत गुणकारी सिद्ध होता है.
७) शंखपुष्पी (Shankhpushpi ) - ब्राह्मी की तरह शंखपुष्पी भी मस्तिष्क व् स्नायवित संस्थान को बल देने वाली परमौषधि है इसलिए इसका उपयोग भी उन सभी व्याधियों को दूर करने वाला सिद्ध होता है जिनका उल्लेख ब्राह्मी के वर्णन में किया गया है. जो बच्चे सोते हुए पेशाब कर देते हैं, जिन्हे पाठ याद करने में कठिनाई होती है उनके लिए शंखपुष्पी का सेवन लाभ करने वाला सिद्ध होता है.
८) भृंगराज (Bhringraj ) - आयुर्वेद ने भृंगराज को रसायन माना है. इसके निरंतर सेवन से और भृंगराज तेल को बालों में लगाने से बाल भौरें की तरह काले बने रहते हैं. भृंग भौरें को कहते हैं इसलिए इसे भृंगराज कहते हैं. बालों के लिए हितकारी होने से इसे केशरंजन भी कहते हैं. बालों की समस्याएँ दूर करने के अलावा यह श्वास, खांसी और दुबलापन दूर करता है, प्रमेह और मूत्र विकार दूर करता है, रक्त शुद्ध कर त्वचा विकार दूर करता है.
९) आंवला - आंवला विटामिन सी का भंडार है और प्रकृति की ऐसी अद्भुत दें है की कितना भी पुराण होने पर इसमें मौजूद विटामिन सी नष्ट नहीं होता. आंवला को इसके गुणों के कारण आयुर्वेद ने "अमृत फल " कहा है. यह हर उम्र में स्त्री-पुरुष दोनों के लिए उपयोगी सिद्ध होता है. इसके सेवन से नेत्रज्योति बढ़ती है, केश घने काले व् लम्बे होते हैं, त्वचा स्वस्थ और कांतिमान रहती है तथा अम्लपित्त, नकसीर फूटना, वमन, मूत्र विकार आदि व्याधियां दूर होती हैं. रसायन गुण वाला होने से आंवला बच्चे, जवान, वृद्ध, स्त्री, पुरुष सभी के लिए उत्तम टॉनिक का काम करता है.
All Ayurveda Home Remedies/Dry-fruits, Their English Names, Images and Health Benefits are listed on this page :-
Kali mirch health benefits -
Brahmi health benefits -
Aanvla health benefits -
5) Kesar( spice) ( केसर ) (English : Saffron)
Kesar health benefits -
6) Isabgol (seed,husk)( Hindi : इसबगोल )(English: Psyllium husk)
Isabgol health benefits -
7) kaunch(plant) (hindi : कौंच )(english: Cowhage, Mucuna pruriens)
8) ShankhPushpi( herb) (Hindi : शंखपुष्पी ) (English: Convolvulus pluricaulis)
9) Vidarikand(herb)(Hindi: विदारीकंद )(English: Pueraria tuberosa)
Vidarikand health benefits -
10) jaayfal (seed, fruit) (Hindi : जायफल ) (English: Nutmeg)
Jaayfal health benefits -
11) javitri(spice)(Hindi: जावित्री ) (English: Mace)
Javitri health benefits -
12) Misri (confectionery) (Hindi : मिश्री ) (English: Rock sugar)
Misri health benefits -
13) Talmakhana (plant)(hindi: तालमखाना ) (english: Astercantha longifolia)
Talmakhana health benefits -
14) Dalchini ( spice) (hindi : दालचीनी ) (english: Cinnamon)
Dalchini health benefits -
15) Chilgoza(pine) (hindi : चिलगोज़ा ) (english:Pinus gerardiana)
Chilgoza health benefits -
16) Lavang (spice) (hindi: लौंग ) (english: Clove)
Lavang health benefits -
17) Kaju (dry-fruit) (hindi: काजू ) (english:Cashew, Cashew nut)
Kaju health benefits -
18) Kishmish (dry-fruit) (hindi:किशमिश ) (english: Raisin)
Kishmish health benefits -
19) Badi Elaichi (spice) (hindi: बड़ी इलायची ) (english: Black cardamom)
Badi Ilaichi health benefits -
20) Chhoti Ilaichi (spice)(hindi: छोटी इलायची ) (english: Cardamom)
Chhoti Ilaichi health benefits -
21) Akarkara (herb) (hindi: अकरकरा ) (english: Anacyclus Pyrethrum)
Akarkara health benefits -
22) Singhara (fruit) (hindi: सिंघाड़ा ) (english: Water caltrop)
Singhara health benefits -
Guggul health benefits -
Akhrot health benefits -
25) Anjir (dry-fruit) (hindi: अंजीर ) (english:Fig)
Anjir health benefits -
26) Badam (dry-fruit) (hindi: बादाम ) (english: Almond)
Badam health benefits -
27) Pishta (dry-fruit)(hindi: पिश्ता ) (english: Pistachio, Pistachio nut)
Pishta health benefits -
28) Ashwagandha(plant, herb)(hindi : अश्वगंधा ) (english: Withania somnifera)
29) Shatavari (plant, herb)(hindi: शतावरी ) (english: Asparagus racemosus)
30) Chhuare (dry-fruit) (hindi : छुहारे , खारक) (english: Date palm, dried dates)
31) Harad(herb) (hindi: हरड़ ) (english:Terminalia chebula)
32) Baheda (hindi: बहेड़ा ) (english: Terminalia bellirica)