Makardhwaj Vati uses in hindi, मकरध्वज वटी के फायदे और बनाने की विधि

मकरध्वज वटी के घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि, मकरध्वज वटी के फायदे

Makardhwaj Vati uses in hindi, मकरध्वज वटी के फायदे और बनाने की विधि

मकरध्वज वटी के घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि, मकरध्वज वटी के फायदे

img

मकरध्वज वटी (makardhwaj vati )

मकरध्वज वटी (makardhwaj vati )
makardhwaj vati

यौनाचरण में अतिरेक करने, पोषक आहार विहार न करने, गलत तरीकों से वीर्यनाश करने आदि कारणों से पुरुष का धातुबाल क्षीण हो जाता है जिससे वे भरी जवानी में ही बूढ़े हो जाते हैं, पौरुषबल की कमी के कारण नपुंसकता के जाल में फंस जाते है. ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर पुरुष कुछ यौन व्याधियों के शिकार हो जाते हैं और पत्नी के साथ संतुष्टि और तृप्ति प्रदान करने वाला व्यवहार नहीं कर पाते हैं. ऐसी स्थिति में "मकरध्वज वटी " का सेवन करना उत्तम सिद्ध होता है. मकरध्वज वटी का सम्पूर्ण विवरण यहाँ प्रस्तुत है :-

मकरध्वज वटी के घटक द्रव्य (ingredients of makardhwaj vati ) - मकरध्वज, कपूर, जायफल का चूर्ण, काली मिर्च - चारों १०-१० ग्राम, कस्तूरी ३ ग्राम.

मकरध्वज वटी निर्माण विधि (preparation method of makardhwaj vati ) - जायफल और काली मिर्च को कूट पीस कर महीन चूर्ण कर लें. मकरध्वज को खरल में डालकर खूब घुटाई करें फिर दोनों दवाओं का चूर्ण , कपूर व् कस्तूरी डालकर खरल करें और पानी के छींटे मारते हुए गाढ़ा करें और २-२ रत्ती गोलियां बनाकर छाया में सूखा लें . जितनी ज्यादा घुटाई को जाएगी उतना ही अच्छा होगा.

मकरध्वज वटी मात्रा और सेवन विधि (makardhwaj vati quantity and dosage ) - १-१ गोली सुबह शाम, मिश्री मिले दूध या मक्खन मिश्री के साथ सेवन करें.

मकरध्वज वटी के लाभ ( Advantages and health benefits of makardhwaj vati ) - मकरध्वज वटी ह्रदय, मस्तिष्क , वातवाहिनी और शुक्रवाहिनी नाड़ियों पर विशेष प्रभाव कर उन्हें शक्ति प्रदान करती है तथा मानसिक और शारीरिक नपुंसकता को नष्ट कर पर्याप्त यौन-शक्ति प्रदान करती है. समस्त प्रकार के धातु-विकार , अति मैथुन या अप्राकृतिक ढंग से किये गए वीर्यनाश से उत्पन्न होने वाली इन्द्रिय-शिथिलता तथा नपुंसकता को नष्ट कर शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन , प्रमेह आदि व्याधियों को दूर करती है. मकरध्वज वटी के सेवन से स्मरणशक्ति, स्तम्भनशक्ति , बलवीर्य और ओज की वृद्धि होती है. मकरध्वज वटी इसी नाम से या "सिद्धमकरध्वज वटी" (siddh makardhwaj vati ) के नाम से बाज़ार में मिलती है. उचित आहार विहार करते हुए इसका सेवन पूरे शीतकाल तक करना चाहिए. इसके साथ वीर्यशोधन वटी १-१ गोली सेवन करने से और अधिक लाभ होता है. मकरध्वज वटी का उपयोग ऐसे नवयुवक को अवश्य करना चाहिए जिसका निकट भविष्य में विवाह होने वाला हो . इस योग में कोई मादक या उत्तेजक द्रव्य नहीं है इसलिए इसे दिमागी काम ज्यादा करने वाले अविवाहित युवक भी सेवन कर सकते हैं बशर्ते वे आचार विचार से शुद्ध मानसिकता रखने वाले हों.