Bronchial asthma is a disease of the airways characterized by an increased responsiveness of the tracheo-bronchial tree to a variety of stimuli.
Symptoms of bronchial asthma:
` 1) paroxysms (attacks) of dysphonia (breathlessness), unproductive cough and wheezing.
2) Narrowing of airways from muscle spasm, mucosal oedema, and viscid bronchial secretion.
3) Sweating, central cyanosis, tachycardia (increased heart beat).
(A) Early onset asthma (atopic/allergic/extrinsic)
- It is caused by some allergens.
- It is preceded by family/personal history of allergic diseases like rhinitis, urticarial, eczema etc.
(B) Late onset asthma (nonatopic/intrinsic/idiosyncratic)
- It occurs generally in elderly people.
- There is no family history.
- No role of allergens.
Diagnosis of asthma:
Skin hypersensitivity test
Increased level of LgE in serum (immunoglobin E)
Chest X- ray
Pulmonary functions test
Acupressure treatment of Asthma:
Du 20
Cv 17, 22
St 4,13,18,36
L 1,5,7,9
Li 4,14
K 7
Sp 8,9
SI 4, 14
Liv 2
GV 12, 14
GB 20,21
UB 10, 11, 12, 13, 14
Ex 17
Reflex points: chest, lungs, diaphragm, large intestine, adrenals, kidney.
Ingredients of shwas kuthar ras – kali mirch( black pepper) – 80 grams , kajjali, shuddha bachchhanaabh, sohage ka phoola, main sil – all 10-10 grams each.
Preparation method of shwas kuthar ras – coming soon.
Dosage of shwas kuthar ras – coming soon.
Advantages of shwas kuthar ras – coming soon
दमा (asthma ) श्वास रोग को कहते हैं. इसे ब्रोंकल अस्थमा (bronchial asthma ) भी कहा जाता है. जिसमे श्वास नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं. यह सिकुडन स्थाई नहीं होती पर जब तक यह स्थिति रहती है तब तक श्वास लेने में कठिनाई होती है, दम फूल जाता है. सीने से सांय सांय और गड-गड की आवाज़ आती है , बार-बार खांसी आती है. दमा रोग की आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रस्तुत है :-
दमे का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurveda treatment of asthma in hindi ) - श्वास कास चिंतामणि रस २ ग्राम, अभ्रक भस्म १०० पुटी ५ ग्राम, रस सिंदूर ५ ग्राम और लक्ष्मी विलास रस १० ग्राम. सबको मिला कर अच्छी तरह घोंट कर एक जान कर लें और ३० पुड़िया बना लें. सुबह शाम एक-एक पुड़िया शहद में मिला कर लें. भोजन के बाद दोनों वक़्त हर्बल वसाका और द्राक्षारिष्ट २-२ चम्मच आधा कप गर्म पानी में घोल कर पियें.
परहेज़ - खटाई और गरिष्ठ पदार्थों का सेवन न करें. धूम्रपान(smoking ) हरगिज़ न करें.