Unmad Gaj Kesari ras uses in hindi, उन्माद गज केसरी रस के फायदे और बनाने की विधि

उन्माद गज केसरी रस के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

Unmad Gaj Kesari ras uses in hindi, उन्माद गज केसरी रस के फायदे और बनाने की विधि

उन्माद गज केसरी रस के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

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उन्माद गज केसरी रस (Unmad Gaj Kesari Ras)

आयुर्वेद के अनुसार रज तथा तम ये दो मानसिक दोष होते हैं . इन दोनों मानस दोषों की वृद्धि से ही मानसिक अस्वस्थता उत्पन्न होती है . ऐसी ही एक मानसिक बीमारी " उन्माद " को दूर करने वाली एक आयुर्वेदिक दवा है - उन्माद गज केसरी रस . Biovatica के इस आर्टिकल में उन्माद गज केसरी रस की सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है .

unmad gaj kesari ras

 

उन्माद गज केसरी के घटक द्रव्य ( ingredients of unmad gaj kesari ras ) :-

कज्जली ( शुद्ध पारा एवं गंधक ), शुद्ध मेनसिल तथा धतूरे के बीज - सभी 25 -25 ग्राम . बच एवं ब्राह्मी 100 -100 ग्राम .

 

उन्माद गज केसरी रस बनाने की विधि (preparation method of unmad gaj kesri ras ) :-

सबसे पहले ऊपर लिखे तीनो द्रव्यों का बारीक़ चूर्ण करके खरल में अच्छे से घुटाई करें . फिर इसमें बच और ब्राह्मी को जौकुट कर बनाये गए काढ़े की 7 -7 भावना देकर 2 -2 रत्ती की गोलियां बनाकर छाया में सूखा लें .

उन्माद गज केसरी रस मात्रा और सेवन विधि (Unmad gaj kesari ras quantity and dosage):-

उन्माद गज केसरी रस की 2 -2 गोली सुबह शाम शहद , घी या पान के रस के साथ लेना चाहिए . दूध के साथ भी ले सकते हैं .

 

उन्माद गज केसरी रस के फायदे , उपयोग व् स्वास्थ्य लाभ (Unmad gaj kesari ras uses and benefits in Hindi ) :-

उन्माद गज केसरी रस उन्माद ( पागलपन ) और मिर्गी की उत्तम आयुर्वेदिक दवा है . मस्तिष्क या दिमाग की कमजोरी से होने वाले रोग - बेहोशी , हिस्टीरिया , अनिद्रा आदि इसके सेवन से नष्ट होते हैं . उन्माद गज केसरी रस इन्द्रिय . मन तथा बुद्धि को प्रसन्न तथा विकसित करता है तथा शरीर की सभी धातुओं की विषमता को दूर कर समता स्थापित करता है . यदि वात वृद्धि के कारण त्वचा रुक्ष हो गयी हो तथा शरीर दुबला और कला हो गया हो तो इस दवा से शीघ्र लाभ होता है . उन्माद गज केसरी रस के सेवन से वात की शांति होकर उससे होने वाले विकार भी दूर होते हैं . वात प्रधान रोगों को शांत करने के लिए उन्माद गज केसरी रस के साथ महारास्नादि क्वाथ की 4 -4 चम्मच लेने से उत्तम और शीघ्र लाभ होता है .

 

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