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आयुर्वेद:: स्वप्नदोष के कारण , स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा और इलाज, Ayurveda remedies for Swapnadosh in hindi.

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आयुर्वेद:: स्वप्नदोष के कारण , स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा और इलाज, Ayurveda remedies for Swapnadosh in hindi.

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स्वप्नदोष ( Swapnadosh )

आयुर्वेद के अनुसार स्वप्नदोष क्या है ? स्वप्नदोष के कारण , स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा और इलाज (What is Swapnadosha according to Ayurveda?, Causes and Ayurveda remedies for Swapnadosh)

स्वप्नदोष का रोगी ज्यादातर मानसिक कारणों से ही इस रोग का शिकार होता है। उसकी मानसिकता जब कामुकता के प्रभाव से ग्रस्त रहती है , जब वह कामोत्तेजक विचार करने का आदि हो जाता है , कामुक वार्तालाप व् व्यवहार , कामुक साहित्य व् पोर्न वेबसाइट्स के प्रभाव में रहता है , जब उसके मन में कामवासना से सम्बंधित बातें ही घूमती रहती हैं , और उसका देखना , सुनना , अनुभव , इच्छा , कल्पना , भावना सब कामुकता से ओतप्रोत हो जाता है - लिहाजा स्वप्न के सभी छह प्रकार कामवासना और कामुकता से प्रभावित हो जाते है। स्वप्न में उसका कामुक मन अपने कामुक विचारों से प्रेरित होकर कामक्रीड़ा से सम्बंधित दृश्य देखता है। इससे उसका अवचेतन मन स्नायविक संसथान और यौनांग को सक्रीय और उत्तेजित कर देता है। चाहे जागृत अवस्था हो या स्वप्न की , कामोत्तेजना और काम क्रीड़ा का समापन वीर्य के स्खलन से ही होता है लिहाजा स्वप्न में पैदा हुई कामोत्तेजना का अंत भी सोते हुए वीर्यस्खलन के साथ होता है। इसी को स्वप्नदोष कहते हैं।

 

स्वप्नदोष के आयुर्वेदिक इलाज , स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा और स्वप्नदोष के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे (Ayurveda treatment for swapnadosh in Hindi, Ayurveda tips and remedies/medicines for swapnadosh in Hindi)

 

स्वप्नदोष के रोगी को पूरा प्रयत्न करके अपने विचार शुद्ध व् सात्विक रखना चाहिए . पोर्न वेबसाइट्स देखना , अश्लील साहित्य , अश्लील रील , अश्लील सिनेमा , सुन्दर लड़कियों और स्त्रियों का संपर्क या उनके विषय में चिंतन , दोस्तों में काम विषयक बातचीत करना आदि स्वप्नदोष के रोगियों के लिए त्याज्य हैं . इनको त्यागे बिना स्वप्नदोष का रोगी मानसिकता को बदलने में सफल नहीं हो सकेगा . परहेज किये बिना कोई आयुर्वेदिक औषधि फायदा नहीं करती और स्वप्नदोष की बीमारी में कामुक वातावरण से परहेज करना पहली शर्त है .

स्वप्नदोष के रोगी को शोक और पश्चाताप करना छोड़ कर एक सप्ताह तक दिन में तीन बार शीतलचीनी ( कबाबचीनी ) का चूर्ण तीन ग्राम मात्रा में ठन्डे पानी से लेना चाहिए . दूसरे सप्ताह में यही मात्रा दो बार सुबह शाम लें . तीसरे सप्ताह में दिन में सिर्फ एक बार शाम को लें . 21 दिन में स्वप्नदोष की बीमारी में लाभ हो जाता है . यह स्वप्नदोष के इलाज का आयुर्वेद का परखा हुआ नुस्खा है . स्वप्नदोष के इलाज का दूसरा आयुर्वेदिक उपाय यह है की सफ़ेद मूसली 50 ग्राम , बहमन सफ़ेद 50 ग्राम और इसबगोल की भूसी 250 ग्राम . मूसली व् बहमन सफ़ेद को कूट पीस कर खूब बारीक़ चूर्ण कर दें . इसबगोल को बिना कूटे - पीसे उसमे मिला लें . इस मिश्रण को ५ ग्राम मात्रा में लें और ५ ग्राम पीसी मिश्री मिलाकर सुबह शाम १ गिलास दूध के साथ सेवन करें . यह स्वप्नदोष के इलाज का उत्तम आयुर्वेदिक नुस्खा है .

 

ऊपर लिखे स्वप्नदोष के आयुर्वेदिक और घरेलु नुस्खों का सेवन करने के साथ निम्नलिखित आयुर्वेदिक चिकित्सा करने पर स्वप्नदोष होना हमेशा के लिए बंद हो जायेगा :--

१ ) चन्द्रप्रभा वटी विशेष नंबर १ दो गोली और वीर्यशोधन वटी एक गोली - दोनों सुबह शाम दूध के साथ , लाभ न होने तक नियमित रूप से लेना चाहिए .

२ ) सूखे आंवलों को कूट पीस कर बारीक़ चूर्ण कर लें . सुबह एक कप पानी में २० ग्राम चूर्ण डाल कर मिटटी के बर्तन में डाल कर रख दें . रात को सोने से पहले इसे छान लें और थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पी लें . इसी तरह यह आंवलों का चूर्ण शाम को गला दें . सुबह इसे छान कर , शौच के लिए जाने से पहले पी लें .

३ ) भोजन के बाद , अश्वगंधारिष्ट और चंदनासव , २ - २ चम्मच आधा कप पानी में मिलाकर पी लिया करें . जब - जब पेट ठीक से साफ़ न हो तब तक रात को सोते समय कब्जीना चूर्ण एक चम्मच , गर्म पानी के साथ ले लिया करें . इस आयुर्वेदिक चिकित्सा से स्वप्नदोष होना सदा के लिए बंद हो जाता है .

४ ) पेट साफ़ रहे , पाचन अच्छा हो और भूख लगे इसके लिए भोजन करने के बाद एक बाल हरड़ को सरोते से काट कर टुकड़े कर लें और भोजन के बाद यह टुकड़े मुँह में रख कर आधे एक घंटे के लिए चूसते रहें . इसके बाद चबा कर निगल जाएँ . स्वप्नदोष नाशक यह आयुर्वेदिक उपाय कम से कम दो महीने तक जरूर करें . ज्यादा दिन करें तो और अच्छा है .

 

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