- मधुमेह दमन चूर्ण 20 ग्राम, शुद्ध शिलाजीत 10 ग्राम तथा प्रमेह गजकेसरी , गिलोय सत्व, आमलकी रसायन और तेजपान - 5 -5 ग्राम.
भावना द्रव्य - सालसारादीगण क्वाथ 30 ग्राम, कुटकी 5 ग्राम, हरिद्रा 10 ग्राम.
भावना द्रव्यों को जौ कूट करके एक गिलास पानी में डाल कर उबालें. एक कप रह जाने पर उतार कर छानें और ऊपर लिखे घटक द्रव्यों को कूट पीस कर बारीक़ चूर्ण करके खरल में डाल दें और उसमे भावना द्रव्यों का काढ़ा डाल कर तब तक घुटाई करें जब तक सारे द्रव्य मिल कर एक जान न हो जाएँ. फिर आधा-आधा ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सूखा कर शीशी में भर लें.
2 -2 गोली सुबह शाम फीके दूध या ठन्डे पानी के साथ लें.
शिला प्रमेह वटी के सेवन से मधुमेह रोग के कारण उत्पन्न हुई और बढ़ी हुई शर्करा पर नियंत्रण हो जाता है . इस योग के सेवन से अग्नाशय सबल होकर पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन बनाने लगता है. शिला प्रमेह वटी इसी नाम से बनी बनायीं आयुर्वेदिक दवाई की दुकानों पर उपलब्ध होती है.