Rasna Shallaki Vati uses in hindi,रास्नाशल्लकी वटी के फायदे और बनाने की विधि लिस्ट

रास्नाशल्लकी वटी के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

ग्रहRasna Shallaki Vati uses in hindi,रास्नाशल्लकी वटी के फायदे और बनाने की विधि

रास्नाशल्लकी वटी के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

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रास्नाशल्लकी वटी (Rasna Shallaki Vati)

आयुर्वेद में एक जड़ी बूटी है शल्लकी (Boswellia Serrata ) जिसे श्रेष्ठ दर्द निवारक माना गया है . इस आर्टिकल में इस जड़ी बूटी से बनाये जाने वाले एक उत्तम दर्द निवारक योग रास्ना शल्लकी वटी का पूर्ण परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है .

रास्ना शल्लकी वटी के घटक द्रव्य (Ingredients of Rasna Shallaki Vati ) :- रास्ना 100 ग्राम , शल्लकी , दशमूल , सौंठ , बला , असगंध , एरंड , खुरासानी अजवाइन , पुनर्नवा , गोखरू , मालकांगनी , गिलोय , अजवाइन और शुद्ध कुचला - सब 25 -25 ग्राम . महायोगराज गूगल 15 ग्राम . स्वर्णमाक्षिक भस्म , शंख भस्म , शिलाजीत , करपादिक भस्म और जटामांसी - सब 10 -10 ग्राम .

रास्ना शल्लकी वटी बनाने की विधि (preparation method of Rasna Shallaki Vati ) - सभी द्रव्यों को कूट पीस कर बारीक चूर्ण कर लें फिर चार लीटर पानी में आधा किलो दशमूल और आधा किलो एरंड मूल डाल कर काढ़ा बना लें . सब द्रव्यों का चूर्ण छान कर , इस काढ़े में डाल कर खरल में खूब घुटाई करके सब द्रव्यों को एक जान करके आधे आधे ग्राम ( 4 -4 रत्ती या ५०० mg ) की गोलियां बनाकर सूखा लें .

रास्ना शल्लकी वटी मात्रा और सेवन विधि ( Rasna Shallaki Vati quantity and dosage ) - दो दो गोली सुबह शाम कुनकुने गर्म दूध से लें . जरुरत हो तो दो दो गोली दिन में तीन चार बार भी ली जा सकती है .

रास्ना शल्लकी वटी के फायदे और लाभ (advantages and health benefits of Rasna Shallaki Vati ) - यह वटी रसायन के गुण रखती है , धातुओं का पोषण करती है , वात प्रकोप से उत्पन्न होने वाली वात बिमारियों के लिए यह प्रसिद्द औषधि है . आमवात , सन्धिवात , गठिया , कमर दर्द , लकवा , एकांगवात , अर्धांगवात , साइटिका तथा कब्ज़ आदि बिमारियों की चिकित्सा में इस वटी का प्रयोग बहुत गुणकारी सिद्ध होता है .

 

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