Leela vilas ras uses in hindi, लीला विलास रस के फायदे और बनाने की विधि

लीला विलास रस के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

Leela vilas ras uses in hindi, लीला विलास रस के फायदे और बनाने की विधि

लीला विलास रस के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

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Leela Vilas Ras (लीला विलास रस )

वात प्रकोप से वातजन्य बीमारियां - जैसे गैस ट्रबल , सर दर्द, जोड़ों में दर्द, घबराहट, बेचैनी, श्वास कष्ट आदि होती है और पित्त प्रकोप से जी मचलाना , उलटी होना, अम्लपित्त होना , मुंह में छाले आदि बीमारियां होती हैं. पित्त के प्रकोप का शमन करने वाले एक उत्तम आयुर्वेदिक योग "लीला विलास रस" की सम्पूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में दी जा रही है.

लीला विलास रस के घटक द्रव्य (Ingredients of Leela Vilas Ras ) :--

शुद्ध पारद , शुद्ध गंधक , ताम्रभस्म , अभरक भस्म , लोह भस्म - सभी 20 -20 ग्राम . आंवले , बहेड़ा और भांगरे का रस - 300 -300 मिली .

लीला विलास रस बनाने की विधि (Preparation method of Leela Vilas Ras):--

सबसे पहले शुद्ध पारद और शुद्ध गंधक को मिलाकर खरल में अच्छे से घुटाई करें . यह दोनों आपस में मिलकर काले कोयले की तरह बारीक महीन चूर्ण के रूप में बदल जाते हैं . इसे कज्जली कहते हैं . इस कज्जली में पारद की चमक एकदम ख़त्म हो जाती है यानी गंधक और पारद की इतनी घुटाई करनी चाहिए की पारद की अंश मात्र भी चमक न बचे . अब इस कज्जली में ताम्र भस्म , अभ्रक भस्म और लोह भस्म मिला दें . इसके बाद इसमें आंवले का रस मिलाते हुए तीन दिन तक घुटाई करें . इसके बाद बहेड़े का रस मिलाते हुए पुनः तीन दिन तक घुटाई करें और अंत में भांगरे के साथ में भी इसी तरह तीन दिन तक घुटाई करें . इसके बाद एक एक रत्ती (125 mg) की या मूंग के दाने के बराबर गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें . लीला विलास रस बना बनाया इसी नाम से बाजार में मिलता है . चूँकि इसे कुशल वैद्य ही बना सकते हैं इसलिए बाजार से बना बनाया खरीदना ही उत्तम रहेगा .

लीला विलास रस मात्रा और सेवन विधि (Leela Vilas Ras quantity and dosage) :--

लीला विलास रस की एक से दो गोली सुबह शाम रोग अनुसार शहद , दूध , आंवले का रस , च्यवनप्राश , अथवा फटे दूध के पानी में से किसी भी एक के साथ लें .

लीला विलास रस के फायदे, उपयोग व् स्वास्थ्य लाभ (Benefits of Leela Vilas Ras, health benefits of Leela Vilas Ras in Hindi):-

लीला विलास रस पित्तज बिमारियों के लिए एक उपयोगी औषधि है. आजकल एसिडिटी की शिकायत होना आम बात हो गयी है. इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए लीला विलास रस एक अत्यंत गुणकारी आयुर्वेदिक दवाई है. लीला विलास रस बहुत सी बिमारियों की प्रारम्भिक अवस्था में बहुत उत्तम कार्य करता है जैसे - अम्लपित्त, पेट तथा छाती में जलन , कृमि विकार, स्त्रियों में प्रदर रोग, नेत्र दाह, पित्त प्रधान पुराना बुखार, नमक ज्यादा खाने वालों को होने वाले रोग, बिगड़ी पाचन क्रिया, ज्यादा तम्बाकू खाने से आमाशय में पित्त की अधिकता या गर्मी बढ़ना, यकृत की क्रियाशीलता में कमी होने से पाचक रसों की कमी, पेट में कफ की अधिकता के साथ ही दूषित पित्त के कारण शरीर में भारीपन, ह्रदय प्रदेश यानी सीने में भारीपन, दर्द व् भोजन के प्रति अरुचि होना, झागदार उल्टियां व् अत्यधिक डकारें आना, खून की कमी होकर चक्कर आना या शरीर कांपना या कब्ज़ होना आदि इन सभी व्याधियों में लीला विलास रस अत्यंत गुणकारी व् प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है.

 

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