Jalodarari Ras uses in hindi, जलोदरारी रस के फायदे और बनाने की विधि

जलोदरारी रस के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

Jalodarari Ras uses in hindi, जलोदरारी रस के फायदे और बनाने की विधि

जलोदरारी रस के फायदे, घटक द्रव्य, निर्माण विधि, मात्रा और सेवन विधि.

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जलोदरारी रस (Jalodarari Ras)

पेट में पानी जमा हो जाने पर पेट फूल जाता है , भूख मर जाती है , मुंह सूखता है , प्यास लगती है , पेट बड़ा और बाकी शरीर दुबला हो जाता है . इस आर्टिकल में जलोदर रोग को नष्ट करने वाले एक उत्तम आयुर्वेदिक योग " जलोदरारी रस (Jalodarari Rasa ) " का सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत किया जा रहा है .

जलोदरारी रस के घटक द्रव्य (Ingredients of Jalodarari Ras):-

शुद्ध पारद 5 ग्राम , शुद्ध गंधक 10 ग्राम , मैन सिल , हल्दी , शुद्ध जमाल गोटा , हरड़ , बहेड़ा , आंवला , सौंठ , पीपल , काली मिर्च और चित्रक छाल , ये सब द्रव्य 5 -5 ग्राम . भावना द्रव्य - दंतिमूल का काढ़ा , थूहर का दूध और भांगरे का रस आवश्यक मात्रा में .

जलोदरारी रस बनाने की विधि ( Jalodarari Rasa preparation method ) :-

पहले पारद और गंधक मिलाकर खूब घुटाई करके कज्जली करें फिर मैनसिल मिलाकर रख दें . अब शेष सभी 10 द्रव्यों को कूट पीस कर बारीक चूर्ण करें और सबको खूब अच्छी तरह मिला लें . इसको पहले दंतिमूल काढ़े की फिर थूहर के दूध की और अंत में भांगरे के रस की 7 -7 भावना देकर 1 -1 रत्ती की गोलियां बनाकर छाया में सूखा लें . यह जलोदरारी रस तैयार हो गया .

जलोदरारी रस मात्रा और सेवन विधि ( Jalodarari ras quantity and dosage ) :-

जलोदरारी रस की एक एक गोली सुबह - शाम दशमूल के काढ़े या गर्म पानी या ऊंटनी के कुनकुने गर्म दूध के साथ लें . यदि पेट या यकृत के विकार के लिए सेवन करना हो तो घृतकुमारी ( ग्वारपाठा ) के साथ लेना चाहिए .

जलोदरारी रस के फायदे और स्वास्थ्य लाभ (health benefits of jalodarari ras in Hindi)

जलोदरारी रस जलोदर रोग को नष्ट करने वाला है . इसके सेवन से जल के सामान पतले दस्त लगते हैं और तीव्र शूल व् सर्वांग शोथ युक्त जलोदर रोग दूर होता है . जलोदरारी रस इसी नाम से बना बनाया आयुर्वेदिक दवा की दुकानों पर मिलता है .

 

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