शतावरी, गोखरू बीज बड़ा, बीजकन्द, बंशलोचन, कबाबचीनी, चोपचीनी, कौंच के छिलका रहित बीज, सफ़ेद मूसली, काली मूसली, सौंठ, पीपल, काली मिर्च, सालम मिश्री गट्टा, विदारी कंद, असगंध - सब 50 -50 ग्राम और निशोथ 100 ग्राम .
सब द्रव्यों को कूट पीस कर महीन चूर्ण करके मिला लें फिर बरनी में भर कर रख लें . इस चूर्ण का सेवन करते समय बराबर मात्रा में पीसी मिश्री मिला लें फिर सेवन करें .
धातु पौष्टिक चूर्ण बहुत ही पौष्टिक, धातुवर्धक, वीर्य को गाढ़ा करने वाला और शरीर को पुष्ट एवं सुडौल बनाने वाला है. धातु पौष्टिक चूर्ण के सेवन से पुरुषों को स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, शिथिलता आदि बीमारियां दूर होती है और यौन शक्ति बढ़ती है. स्त्रियों के लिए भी धातु पौष्टिक चूर्ण शक्ति स्फूर्ति देने वाला और उनके शरीर को सुडौल बनाने वाला है. धातु पौष्टिक चूर्ण एक अति उत्तम पौष्टिक नुस्खा है जो विशेष रूप से शीतकाल में ही सेवन करना चाहिए क्यूंकि यह नुस्खा गरिष्ठ होने से पचने में भारी है. धातु पौष्टिक चूर्ण इसी नाम से बना बनाया बाज़ार में मिलता है.