Badam oil uses in hindi, बादाम तेल के फायदे व् स्वास्थ्य लाभ

आयुर्वेद के अनुसार बादाम तेल के आतंरिक व् बाहरी उपयोग व् फायदे

Badam oil uses in hindi, बादाम तेल के फायदे व् स्वास्थ्य लाभ

आयुर्वेद के अनुसार बादाम तेल के आतंरिक व् बाहरी उपयोग व् फायदे

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बादाम तेल (Badam oil)

बादाम एक ऐसा सूखा मेवा है जिससे सभी लोग अच्छे से परिचित हैं . इस आर्टिकल में बादाम के तेल के औषधीय उपयोग के बारे में विवरण दिया जा रहा है . बादाम एक प्रकार का तैलीय सूखा मेवा है . विशिष्ट प्रकार की मशीनों में दबाकर इसका तेल निकाला जाता है .

बादाम तेल के फायदे , गुण व् स्वास्थ्य लाभ (Badam oil uses and benefits in Hindi):-

 

आयुर्वेद में बादाम के तेल को श्रेष्ठ बुद्धिवर्धक , स्मरणशक्ति यानी याददाश्त बढ़ने वाला , नेत्र शक्ति बढ़ने वाला रसायन बताया गया है . यह उष्णवीर्य , स्निग्ध , वातशामक तथा वीर्यवर्धक होता है . आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इसके रासायनिक संगठन में शर्करा , वसा , थायमिन (B1), राइबोफ्लेविन (B2), निएसिन (B3), पैण्टोथेनिक एसिड (B5), B6, फोलिक एसिड (B9) तथा विटामिन E जैसे महत्वपूर्ण विटामिन्स के साथ साथ कैल्शियम , फास्फोरस , मेग्नेशियम , जिंक तथा लोह जैसे महत्वपूर्ण खनिज भी पाए जाते हैं .

आयुर्वेदिक औषधि के रूप में बादाम तेल के उपयोग (Use of Badam oil as ayurveda medicine):-

 

आयुर्वेदिक दवा या औषधि के रूप में बादाम तेल को दो प्रकार से प्रयोग में लाया जाता है - आतंरिक तथा बाह्य .

आयुर्वेद के अनुसार बादाम तेल के आतंरिक प्रयोग (Internal uses of badam oil as per Ayurveda )

 

 

आभ्यान्तर पान यानी आतंरिक प्रयोग जैसे 1 से 5 मिली . या चिकित्सकीय परामर्शानुसार कम या अधिक मात्रा में दवा या औषधि के रूप में सीधे या दूध मिश्री के साथ या अन्य किसी अनुपान के साथ पीना . बादाम तेल के दूसरे आयुर्वेदिक प्रयोग में बादाम के तेल का शरीर के बाहरी अंग जैसे सर , बाल , चेहरा , त्वचा या दर्द के स्थान पर लेप या मालिश करना .

बादाम तेल को सामान्य मात्रा यानी 1 से 5 मिली . के बीच सुबह शाम दूध के साथ सेवन किया जा सकता है . आयुर्वेद के अनुसार बादाम का तेल पाचन को सुधार कर पेट के नाड़ी तंत्र को बल प्रदान करता है . नए शोध के अनुसार यह आँतों के कैंसर में भी लाभदायक है . बादाम तेल कोलेस्टेरोल को नियंत्रित कर दिल की सेहत के लिए लाभदायक HDL के स्तर को बढ़ता है .

आयुर्वेद के अनुसार बादाम तेल दिमाग के लिए उपयोगी है अतः जिन बालकों या वृद्धों की याददाश्त कमज़ोर हो उन्हें बादाम तेल नियमित रूप से दिया जा सकता है .

आयुर्वेद के अनुसार बादाम का तेल स्नायुतंत्र के लिए भी उपयोगी है . जिन लोगों को माइग्रेन या मांसपेशियों की तंत्रिकाओं में खिंचाव की शिकायत हो वे भी इसका सेवन कर फायदा उठा सकते हैं . बादाम तेल में विटामिन इ प्रचुर मात्रा में होता है अतः यह पौरुष शक्ति को भी बढ़ाता है . बादाम तेल को आयुर्वेद में चक्षुष्य माना जाता है इसलिए नेत्रशक्ति के लिए इसका उपयोग किया जाना चाहिए .

बादाम तेल के नियमित सेवन से शरीर व् चेहरे की त्वचा की झुर्रियां उत्पन्न नहीं होती है . मानसिक बिमारियों जैसे अवसाद , अनिद्रा आदि में भी रात को सोते समय बादाम तेल का दूध के साथ सेवन करना लाभ करता है .

 

आयुर्वेद के अनुसार बादाम तेल के बाह्य प्रयोग (External uses of badam oil as per Ayurveda )

 

बाह्य प्रयोग के रूप में बादाम तेल की बालों की जड़ में मालिश करने से बाल काले , चमकदार व् मुलायम बने रहते हैं . चेहरे पर बादाम के तेल की मालिश करने से चेहरे व् आँखों के नीचे काले निशान दूर होते हैं तथा झुर्रियों में कमी आती है . चेहरा चमकीला तथा तेजस्वी बनता है . त्वचा तैलीय हो या खुश्क , बादाम का तेल दोनों प्रकार की त्वचा के लोगों के लिया लाभदायक होता है .

 

माइग्रेन के रोगी को तीन से चार बून्द बादाम तेल दोनों नासाछिद्रों में डालकर सूंघना चाहिए . इससे तात्कालिक लाभ मिलता है . पेशीय खिंचाव या दर्द वाले स्थान पर बादाम तेल की मालिश करने से लाभ होता है .

चेहरे पर निखार लाने के लिए दो चम्मच मुल्तानी मिटटी का पाउडर , एक चम्मच शहद और एक चम्मच बादाम तेल मिलकर चेहरे पर लेप करें . 20 मिनिट बाद गर्म पानी से चेहरा धो लें . चेहरे पर काले चकत्तों के लिए दो चम्मच निम्बू के रस में एक चम्मच बादाम तेल मिलकर लगाएं और 20 -25 मिनिट बाद धो लें .

 

 

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